Pulwama Attack पर राहुल गांधी ने उठाए सवाल तो बीजेपी ने बताया जैश-ए-मोहम्मद का 'हमदर्द'
नई दिल्ली। पूरा देश आज उन 40 जांबाजों को याद कर रहा है जो पिछले साल 14 फरवरी को जम्मू कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले में शहीद हुए थे। पुलवामा आतंकी हमले के एक साल पूरा होने पर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने इसपर सवाल उठाते हुए एक ट्वीट किया। राहुल ने पूछा कि इस हमले से किसको फायदा पहुंचा। वहीं, राहुल गांधी के इस ट्वीट पर बीजेपी ने पलटवार किया है।
बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता जीवीएल नरसिम्हा राव ने राहुल गांधी के ट्वीट को रिट्वीट करते हुए लिखा, 'जब देश पुलवामा आतंकी हमले के शहीदों को श्रद्धांजलि दे रहा है, तो लश्कर और जैश-ए-मोहम्मद के 'हमदर्द' राहुल गांधी ना केवल सरकार बल्कि सुरक्षा बलों को भी निशाना बनाना चाहते हैं। राहुल गांधी पाकिस्तान पर कभी सवाल नहीं उठाएंगे। शर्म करो राहुल!'
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने शुक्रवार को सुबह 9:46 मिनट पर ट्वीट किया जिसमें उन्होंने लिखा , 'आज हम पुलवामा हमले के 40 शहीदों को याद कर रहे हैं।' इसके बाद राहुल गांधी ने तीन सवाल अपनी ट्वीट में पूछे हैं। उन्होंने लिखा है, 'किसे इस हमले का सबसे ज्यादा फायदा हुआ? इस हमले की इन्क्वॉयरी का क्या नतीजा आया है? बीजेपी सरकार में किस सुरक्षा में हुई चूक का जिम्मेदार ठहराया जाना बाकी है जिसकी वजह से हमला हुआ?'
When nation is paying homage to martyrs of dastardly Pulwama attack, @RahulGandhi, a known sympathizer of LeT & Jaish-e-Mohammad, chooses to target not just the government but security forces as well. Rahul will never question real culprit Pakistan.
— GVL Narasimha Rao (@GVLNRAO) February 14, 2020
Shame on you Rahul! @INCIndia https://t.co/5M7dcWcxXU
वहीं, राहुल गांधी के इस ट्वीट पर बीजेपी नेता कपिल मिश्रा ने भी पलटवार किया। कपिल मिश्रा ने राहुल गांधी के ट्वीट पर लिखा, 'शर्म करो राहुल गांधी, पूछते हो पुलवामा हमले से किसका फायदा हुआ? अगर देश ने पूछ लिया कि इंदिरा-राजीव की हत्या से किसका फायदा हुआ , फिर क्या बोलोगे? इतनी घटिया राजनीति मत करो, शर्म करो।'
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बता दें कि 14 फरवरी 2019 को पुलवामा के अवंतिपोरा से जब सीआरपीएफ का काफिला गुजर रहा था, उसी वक्त इस काफिले पर आतंकी हमला हुआ था, जिसमें सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हुए थे। इस हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने ली थी।