प्रशांत भूषण के बयान पर बोले राहुल गांधी, 'अब पुख्ता हो गया कि AAP के पीछे RSS का हाथ था'
राहुल गांधी ने अपने ट्वीट में कहा कि जो सच हमें मालूम था, अब उसे खुद आम आदमी पार्टी के संस्थापक सदस्य ने ही पुख्ता कर दिया।
नई दिल्ली। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने मंगलवार को इंडिया अगेंस्ट करप्शन आंदोलन को लेकर दिल्ली में सरकार चला रही आम आदमी पार्टी पर तीखा हमला बोला। राहुल गांधी ने सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण के एक बयान से जुड़ी खबर का लिंक शेयर करते हुए कहा कि केंद्र की यूपीए सरकार को बदनाम करने और गिराने के लिए भाजपा और आरएसएस ने ही पर्दे के पीछे से इस आंदोलन को खड़ा करने की साजिश रची। राहुल गांधी ने अपने ट्वीट में कहा कि जो सच हमें मालूम था, अब उसे खुद आम आदमी पार्टी के संस्थापक सदस्य ने ही पुख्ता कर दिया।
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न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में भूषण ने किया खुलासा
दरअसल हाल ही में प्रशांत भूषण ने एक निजी समाचार चैनल को इंटरव्यू देते हुए खुलासा किया कि कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार को गिराने के लिए भारतीय जनता पार्टी और आरएसएस ने इंडिया अगेंस्ट करप्शन आंदोलन को खड़ा कराया। प्रशांत भूषण ने बताया कि इस आंदोलन के बाद यूपीए सरकार के प्रति जनता में रोष बढ़ा और 2014 में केंद्र में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एनडीए की सरकार बनी।
'इस सच्चाई के बार में हमें पहले से मालूम था'
प्रशांत भूषण के इसी बयान का हवाला देते हुए राहुल गांधी ने अपने ट्वीट में लिखा, 'जिस सच्चाई के बार में हमें पहले से मालूम था, अब खुद आम आदमी पार्टी के संस्थापक सदस्य ने ही उसे पुख्ता कर दिया। यूपीए सरकार को गिराने और लोकतंत्र को खत्म करने के लिए इंडिया अगेंस्ट करप्शन आंदोलन और आम आदमी पार्टी को पर्दे के पीछे से भाजपा-आरएसएस ने ही तैयार किया।' राहुल गांधी इस समय अमेरिका में हैं, जहां उनकी मां और कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी का इलाज चल रहा है।
'केजरीवाल को इस बात की जानकारी थी'
प्रशांत भूषण ने अपने इंटरव्यू में कहा, 'मुझे दो बातों का विशेष तौर पर पछतावा होता है। पहला मैं इस बात को नहीं समझ पाया कि उस समय की यूपीए सरकार को गिराने के अपने राजनीतिक मकसद के तहत भाजपा और आरएसएस ने ही इंडिया अगेंस्ट करप्शन आंदोलन को देशभर में बड़े स्तर पर खड़ा किया। मुझे आज भाजपा और आरएसएस की उस भूमिका को लेकर कोई शक नहीं है। अन्ना हजारे को भी शायद इसकी जानकारी नहीं थी। लेकिन, केजरीवाल को इसकी जानकारी थी, इस बात में मुझे इसमें कोई संदेह नहीं है। मुझे दूसरा पछतावा इस बात का है कि मैं अरविंद केजरीवाल के कैरेक्टर को नहीं समझ पाया। मैं ये बात काफी देर से समझा, और जब समझा तब काफी देर हो चुकी थी।'
2015 में आप से अलग हुए थे प्रशांत भूषण
आपको बता दें कि पार्टी संयोजक और दिल्ली के सीएम सीएम अरविंद केजरीवाल से मतभेदों के चलते प्रशांत भूषण को 2015 में आम आदमी पार्टी से बाहर कर दिया गया था। आम आदमी पार्टी ने 2015 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में प्रचंड जीत हासिल करते हुए 70 सें से 67 सीटें हासिल की थी। इस चुनाव में भाजपा को महज तीन सीटें ही मिलीं थी, जबकि कांग्रेस का खाता भी नहीं खुला था। इसके बाद फरवरी 2020 में हुए विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने फिर से जीत का परचम लहराया और 62 सीटें उसके खाते में गईं।