जब राहत इंदौरी ने खोला था राज, कैसे उम्रदराज होकर भी लिखते हैं रोमांटिक शायरी
नई दिल्ली। मशहूर शायर राहत इंदौरी का 70 साल की उम्र में कोरोना के कारण निधन हो गया। राहत के लिखे गीतों और नज्मों ने न सिर्फ मंचों पर शोहरत हासिल की, बल्कि फिल्मों में भी उनके लिखे गीतों ने अलग ही मुकाम बनाया। उनके द्वारा लिखे गए रोमांटिक आज भी लोगों की जुबान पर रहते हैं। गीत ही नहीं उनकी लिखी शायरी भी युवाओं के बीच काफी लोकप्रिय रहती हैं। लोग अक्सर उनसे सवाल करते हैं कि, इतने उम्रदराज होने के बाद भी वे कैसे रोमांटिक शायरी लिख लेते हैं। उनकी रोमांटिक इंस्पिरेशन क्या है?
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राहत साहब ने दिया ये दिल जीतने वाला जवाब
उम्र के इस पड़ाव पर इनती रोमांटिक शायरी कैसे लिख लेते हैं इसका खुलासा राहत इंदौरी ने 'द कपिल शर्मा' शो में किया था। शो में एक सवाल के जवाब में राहत इंदौरी साहब ने कहा कि, आदमी बूढ़ा दिमाग से होता है, दिल से नहीं। इसके अलावा कपिल शर्मा ने राहत इंदौरी से पूछा कि क्या जिस तरह आपकी एक शायरी की लाइन है- ''आसमां लाए हो, ले लाओ, जमीं पर रख दो, क्या आपकी वाइफ भी पूछती हैं कैश लाए हो, तो कपबोर्ड में रख दो। राहत कपिल के मजाक और हाजिरजवाबी से प्रभावित हुए थे।
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टिक टॉक पर फेमस हुई थी ये रचना
राहत साहब की लिखी एक रचना टिक टॉक वीडियोज में सबसे ज्यादा मशहूर थी- बुलाती है मगर जाने का नईं। ये लाइन्स कुछ इस तरह थीं-
बुलाती है मगर जाने का नहीं ये दुनिया है इधर जाने का नहीं,
मेरे बेटे किसी से इश्क़ कर मगर हद से गुज़र जाने का नहीं
वबा फैली हुई है हर तरफ अभी माहौल मर जाने का नहीं
वो गर्दन नापता है नाप ले मगर जालिम से डर जाने का नहीं
इन फिल्मों के लिए लिखा शानदार गीत
गीतकार के रूप में राहत इंदौरी ने कई फिल्मों के लिए गीत लिखे। जिनमें सबसे खास मुन्ना भाई एमबीबीएस, मीनाक्षी, जानम, सर, खुद्दार, नाराज, मर्डर, मिशन कश्मीर, करीब, बेगम जान, घातक, इश्क, आशियां और मैं तेरा आशिक, दरार, गली गली में चोर है, हमेशा, द जेंटजलमेन, पहला सितारा, जुर्म, हनन, इंतेहा, प्रेम अगन, हिमालयपुत्र, पैशन, दिल कितना नादान है, वैपन, बेकाबू, याराना, गुंडाराज, नाजायज, टक्कर, मैं खिलाड़ी तू अनाड़ी और तमन्ना, जैसी फिल्में शामिल हैं।
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