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आर्थिक मंदी पर RBI के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने जताई चिंता, सरकार के दी ये सलाह

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नई दिल्ली: भारतीय रिज़र्व बैंक(आरबीआई) के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने भारत में आर्थिक मंदी को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने हाल में आई आर्थिक मंदी को चिंताजनक बताया है। उन्होंने केंद्र सरकार को सलाह दी है कि वो कमजोर होते क्षेत्रों के पुनरोद्धार के लिए जरूरी आर्थिक सुधार लेकर आए। सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता बिजली और गैर-बैंकिंग वित्तीय क्षेत्रों (एनबीएफसी) में आई समस्याओं को ठीक करना होना चाहिए।

आर्थिक सुधारों की जरूरत

आर्थिक सुधारों की जरूरत

रघुराम राजन ने एक निजी न्यूज चैनल से बातचीत में कहा कि हमें नए सुधारों की जरूरत है। राजन ने कहा कि इकॉनमी में तेजी के लिए हमें निजी सेक्टर के निवेश को प्रोत्साहित करने के प्रयास करने चाहिए। उन्होंने कहा कि निवेश घटने और उपभोग की मांग में गिरावट की वजह से भारत की अर्थव्यवस्था तेजी से अपनी विकास गति खो रही है। गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां इस वजह से तरलता का सामना कर रही हैं।

सरकार को दिए सुझाव

सरकार को दिए सुझाव

साल 2013 से साल 2016 तक आरबीआई के गवर्नर रहे राजन ने भारत में जीडीपी की गणना के पैमानों को बदलने का सुझाव दिया। उन्होंने इसके लिए मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में मुख्य आर्थिक सलाहकार रहे अरविंद सुब्रमण्यम के शोध निबंध का हवाला दिया। इस रिसर्च पेपर में कहा गया है कि देश की इकॉनमिक ग्रोथ को बढ़ा-चढ़ाकर आंका गया है। मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यम ने कहा था कि 2011-12 से 2016-17 के दौरान जीडीपी विकास दर 2.5 प्रतिशत से अधिक थी।

कंपनियां मांग रही हैं मदद

कंपनियां मांग रही हैं मदद

राजन ने आगे कहा कि आप सभी तरफ देख सकते हैं कि कंपनियां चिंतित हैं और जोर-शोर से कह रही हैं कि उन्हें कुछ न कुछ प्रोत्साहन दिया जाए। अर्थव्यवस्था एवं वृद्धि दर को गति देने के लिए नए तरह के सुधारों की जरूरत है। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय बाजार से कर्ज लेना सुधार नहीं है बल्कि एक मौके की कार्रवाई भर है। उन्होंने जीडीपी को लेकर कहा कि निजी क्षेत्र के विश्लेषकों की ओर से आर्थिक वृद्धि को लेकर कई तरह के अनुमान लगाए जा रहे हैं, जिनमें से कई संभवतः सरकार के अनुमान से काफी नीचे हैं। गौरतलब है कि वित्त वर्ष 2018-19 में आर्थिक वृद्धि की रफ्तार 6.8 प्रतिशत पर रह गई, जो 2014-15 के बाद से सबसे कम है। विभिन्न निजी विशेषज्ञों और केंद्रीय बैंक का अनुमान है कि इस साल जीडीपी वृद्धि सात प्रतिशत के सरकारी अनुमान से कम रहेगी।

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English summary
Raghuram Rajan says Economic slowdown is worrisome and give advise to center goverment
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