Lockdown: नए नोट छापकर अर्थव्यवस्था को बचा सकती है सरकार, रघुराम राजन ने दिए कई अहम सुझाव
नई दिल्ली: कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को रोकने के लिए भारत में 17 मई तक लॉकडाउन का ऐलान किया गया है। ये लॉकडाउन कब तक जारी रहेगा, इस पर अभी कुछ नहीं कहा जा सकता है। लॉकडाउन की वजह से देश की अर्थव्यवस्था को काफी नुकसान हो रहा है। इस आर्थिक मंदी से निपटने के लिए आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने केंद्र सरकार को मोनेटाइजेशन का सुझाव दिया है। साथ ही इसके ऊपर एक ब्लॉग भी लिखा है।
रघुराम राजन ने अपने ब्लॉग में लिखा कि केंद्र सरकार को मौजूदा वक्त में अर्थव्यवस्था की चिंता करनी चाहिए। इस दौरान सभी फिजूलखर्ची को पूरी तरह से रोक देना चाहिए। सरकार का पूरा फोकस सिर्फ और सिर्फ जरूरी खर्चों पर होना चाहिए। इससे इस संकट की घड़ी में सरकार को मदद मिलेगी। उन्होंने आगे लिखा कि सरकार को राजकोषीय घाटे का भी ध्यान रखना चाहिए। इस दिशा में मुद्रीकरण किसी तरह की बाधा नहीं होनी चाहिए। मोनेटाइजेशन (नोटों की छपाई) कभी भी बहुत बड़ा बदलाव साबित नहीं हुआ है। एक निश्चित सीमा तक इस विकल्प को अपनाने में कोई दिक्कत नहीं होती है। सरल भाषा में इसे समझें तो रघुराम राजन के मुताबिक एक तय सीमा तक सरकार नए नोटों की छपाई कर सकती है।
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राजन के मुताबिक देशे ने पहले भी आर्थिक तंगी के दौर में ऐसा किया है। उन्होंने कहा कि विषम परिस्थितियों में मोनेटाइजेशन स्थिर होता है, अर्थात ना तो इससे नुकसान होगा और ना ही ये गेम चेंजर है। उनके मुताबिक इससे देश की वित्तीत समस्याएं नहीं हल होंगी, सिर्फ सरकार को थोड़ी सी मदद मिलेगी। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर सरकार ने गलत तरीके से इसका इस्तेमाल किया तो बड़ी मुश्किल खड़ी हो सकती है।