झारखंड विधानसभा चुनाव: युवा-रोजगार पर फोकस रघुबर सरकार ने कितनी बदली प्रदेश की सूरत ?
नई दिल्ली- झारखंड में बीजेपी ने पिछले पांच साल में बिना किसी खास सियासी बाधा के सरकार चलाई है। रघुबर दास सरकार के लिए अच्छी बात ये रही कि इस दौरान केंद्र में भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली पूर्ण बहुमत की सरकार रही है। इसके कारण राज्य को मिलने वाली केंद्रीय सहायता में कभी कोई दिक्कत नहीं आई है। इसका परिणाम पांच साल बाद प्रदेश की भाजपा सरकार के परफॉर्मेंस पर साफ नजर आता है। मतलब, झारखंड में युवाओं और रोजगार से जुड़ा ऐसा कोई क्षेत्र बाकी नहीं है, जिसमें बीते पांच वर्षों में बेहतर काम न हुआ हो। हम यहां युवाओं को रोजगार, उनकी शिक्षा और उनसे जुड़े लगभग हर पहलुओं की बात कर रहे हैं।
युवाओं
को
रोजगार
पिछले
पांच
वर्षों
में
राज्य
में
1
लाख
लोगों
को
सरकारी
नौकरी
दी
गयी
है
और
50
हजार
सरकारी
नौकरियों
में
नियुक्ति
की
प्रक्रिया
चल
रही
है।
वहीं
सार्वजनिक
क्षेत्र
के
उपक्रमों
में
10
हजार
से
ज्यादा
युवाओं
को
रोजगार
मिला
है।
मुद्रा
लोन
के
माध्यम
से
15
लाख
से
ज्यादा
युवाओं
को
स्वरोजगार
उपलब्ध
कराया
गया
है।
कौशल
विकास
योजना
के
माध्यम
से
लगभग
2
लाख
से
ज्यादा
युवाओं
को
निजी
क्षेत्र
में
रोजगार
के
मौके
दिए
गए
हैं।
स्टैंड-अप
इंडिया
के
तहत
ग्रामीण
बस
सेवा
शुरू
की
गयी
है,
जिसका
संचालन
अनुसूचित
जाति
और
अनुसूचित
जनजाति
के
युवाओं
के
हाथों
हो
रहा
है।
इस
कार्य
के
लिए
युवाओं
को
सुलभ
ऋण
उपलब्ध
कराया
जा
रहा
है।
दीनदयाल
उपाध्याय
ग्राम
कौशल्य
योजना
के
तहत
अबतक
राज्य
के
31
हजार
ग्रामीण
युवक-युवतियों
को
कौशल
प्रशिक्षण
दिया
जा
चुका
है।
इनमें
से
11,745
रोजगार
या
स्वरोजगार
से
जुड़
चुके
हैं।
राष्ट्रीय
शहरी
आजीविका
मिशन
के
अंतर्गत
85,545
शहरी
गरीब
युवाओं
को
प्रशिक्षित
कर
और
बैंक
लोन
दिलाकर
उनको
स्वरोजगार
दिया
गया
है।
कौशल
विकास
का
प्रशिक्षण
प्राप्त
कर
झारखंड
के
युवा
आज
मुंबई,
दिल्ली
समेत
दुबई
जैसी
जगहों
में
सम्मान
से
रोजगार
कर
रहे
हैं।
युवाओं
को
रोजगार
के
अवसर
झारखंड
सरकार
ने
नियम
बनाया
है
कि
राजपत्रित
नौकरियों
को
छोड़कर
सभी
सरकारी
नौकरियां
सिर्फ
स्थानीय
युवाओं
को
ही
मिलेंगी।
वहीं
यूपीएससी
की
प्रारंभिक
परीक्षा
(पीटी)
पास
करने
वाले
अनुसूचित
जाति
और
अनुसूचित
जनजाति
के
छात्रों
को
मुख्य
परीक्षा
(मेन्स)
की
तैयारी
के
लिए
1
लाख
रुपये
की
आर्थिक
सहायता
भी
दी
जा
रही
है।
झारखंड
पुलिस
में
पहाड़िया
समुदाय
के
लिए
विशेष
तौर
पर
दो
बटालियन
गठित
किए
गए
हैं।
12
हजार
तेजस्विनी
क्लब
बनाकर
10
लाख
किशोरी-युवतियों
को
कौशल
प्रशिक्षण
दिया
जा
रहा
है।
युवक-युवतियों
को
नर्सिंग,
टेक्सटाइल,
वेल्डिंग,
मैकेनिक
आदि
के
प्रशिक्षण
के
लिए
23
कल्याण
गुरुकुल
के
अलावा
नर्सिंग
कौशल
कॉलेज
का
संचालन
किया
जा
रहा
है।
युवाओं
को
शिक्षा
और
प्रशिक्षण
झारखंड
में
युवाओं
को
तकनीकी
प्रशिक्षण
देने
के
लिए
2014
तक
32
आईटीआई
थे,
जबकि
पिछले
पांच
साल
में
27
नए
आईटीआई
शुरू
किए
गए
हैं।
यहां
बड़ी
संख्या
में
युवा
प्रशिक्षण
ले
रहे
हैं।
राज्य
के
12
जिलों
में
महिला
महाविद्यालय,
13
जिलों
में
मॉडल
महाविद्यालय
और
27
डिग्री
महाविद्यालय
के
साथ
ही
13
पॉलिटेक्निक
संस्थान
खोले
गए
हैं।
यही
नहीं
पांच
वर्षों
में
5
नए
विश्वविद्यालयों
की
भी
स्थापना
की
गई
है,
जिनमें-
विनोद
बिहारी
महतो
कोयलांचल
विश्वविद्यालय,
झारखंड
रक्षा
शक्ति
विश्वविद्यालय,
डॉ.
श्यामा
प्रसाद
मुखर्जी
विश्वविद्यालय,
जमशेदपुर
महिला
विश्वविद्यालय
और
झारखंड
प्रौद्योगिकी
विश्वविद्यालय
शामिल
हैं।
पिछले
पांच
साल
में
राज्य
में
5
नए
मेडिकल
कॉलेज
के
निर्माण
का
भी
काम
हुआ
है।
दुमका,
हजारीबाग
और
पलामू
में
मेडिकल
कॉलेज
बन
कर
तैयार
हैं
और
चाईबासा
एवं
कोडरमा
में
मेडिकल
कॉलेज
बन
रहे
हैं।
यही
नहीं
जापान-एशिया
यूथ
एक्सचेंज
प्रोग्राम
इन
साइंस
के
तहत
पहली
बार
राज्य
के
6
छात्रों
को
जापान
भी
भेजा
गया
है।