राफेल डील: रक्षा मंत्रालय के एक अधिकारी ने विमानों की खरीद पर जताई थी आपत्ति, कैग के पास है नोट- सूत्र
नई दिल्ली। राफेल विमान की खरीद को लेकर भारत में राजनीतिक घमासान मचा हुआ है। कांग्रेस मोदी सरकार पर इस डील में घपले का आरोप लगा रही है, तो सरकार इस डील को लेकर लग रहे तमाम आरोपों को खारिज कर रही है। वहीं, इस डील को लेकर अब एक नया खुलासा हुआ है। इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, इस सौदे पर हस्ताक्षर से पहले रक्षा मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने 36 राफेल विमानों की खरीद पर आपत्ति जताई थी।
राफेल के मानक कीमत पर आपत्ति जताई थी-सूत्र
इस खबर के मुताबिक, साल 2016 में भारत के तत्कालीन रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर और फ्रांस के रक्षा मंत्री के बीच इस डील पर हस्ताक्षर से एक महीने पहले रक्षा मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने राफेल के मानक कीमत पर आपत्ति जताई थी। तब वे अधिकारी रक्षा मंत्रालय में ही ज्वाइंट सेक्रेटरी और एक्यूशन मैनेजर और कांट्रैक्ट निगोशिएशन कमिटी में शामिल थे, उन्होंने इस मामले में कैबिनेट को एक नोट भी लिखा था।
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खबर के मुताबिक, राफेल पर दर्ज की गई आपत्ति अभी कैग के पास
खबर के मुताबिक, वरिष्ठ अधिकारी की आपत्तियों के कारण इस सौदे को मंजूरी देने में देरी भी हुई, हालांकि उनकी आपत्तियों को रक्षा मंत्रालय के एक अन्य वरिष्ठ अधिकारी ने खारिज कर दिया तब जाकर डील को मंजूरी दी गई। सूत्रों के मुताबिक, राफेल पर दर्ज की गई आपत्ति अभी कैग के पास है।
राफेल की खरीद पर भारत में बवाल
पीएम मोदी के फ्रांस दौरे के वक्त राफेल की खरीद को लेकर दो सरकारों के बीच समझौता हुआ था। सितंबर 2016 में डीएसी द्वारा 36 रफाल विमान सौदे को मंजूरी दे दी गई। 59262 करोड़ की इस डील पर भारत और फ्रांस के बीच 23 सितंबर 2016 को हस्ताक्षर किया गया। वहीं, इसी डील को लेकर अब भारत में बवाल मचा हुआ है।
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