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Rafale Row: फ्रांस के राष्ट्रपति ने राफेल मामले पर दिया बड़ा बयान

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नई दिल्ली। राफेल डील को लेकर फ्रांस के राष्ट्रपति ने भी अपनी चुप्पी तोड़ी है, उन्होंने कहा कि जब यह डील हुई थी तो वह सत्ता में नहीं थे। जब उनसे इस बारे में सवाल पूछा गया तो उन्होंने इसका सीधा जवाब देने की बजाए कहा कि जब यह डील हुई तो वह सत्ता में नहीं थे। यूएनजीसी के दौरान प्रेस से बात करते हुए राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों ने इस मसले पर कुछ भी स्पष्ट तौर पर कहने से इनकार कर दिया। गौर करने वाली बात यह है कि मैक्रॉन ने आरोपो को सिरे से खारिज नहीं किया बल्कि इसपर जवाब देने से बचते नजर आए।

पीएम मोदी का किया जिक्र

पीएम मोदी का किया जिक्र

फ्रांस के राष्ट्रपति ने कहा कि जिस समय यह डील हुई वह सत्ता में नहीं थे, लेकिन मुझे यह पता है कि दो सरकारों के बीच हमारे पास बेहद स्पष्ट नियम हैं। इस मसले में बातचीत एक बृहद स्तर पर इस डील का हिस्सा है, जोकि भारत और फ्रांस के बीच डिफेंस डील को लेकर हुई थी। साथ ही उन्होंने कहा कि मैं पीएम मोदी की बात को ही आगे बढ़ाना चाहता हूं जो उन्होंने कुछ दिन पहले कही थी। आपको बता दें कि मैक्रों पिछले वर्ष ही फ्रांस के राष्ट्रपति बने हैं, जबकि राफेल डील 2016 में तत्कालीन राष्ट्रपति फ्रैंकोस होलांदे के कार्यकाल में की गई थी।

पूर्व राष्ट्रपति के बयान के बाद खड़ा हुआ था बवाल

पूर्व राष्ट्रपति के बयान के बाद खड़ा हुआ था बवाल

पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद के बयान के मुताबिक, राफेल डील को लेकर भारत सरकार ने ही अनिल अंबानी की कंपनी का नाम सुझाया था, जिसके बाद दसॉल्ट कंपनी के पास कोई विकल्प ही नहीं बचा था। ओलांद ने कहा कि भारत सरकार ने अनिल अंबानी की कंपनी के अलावा किसी दूसरे का नाम ही नहीं दिया था। ओलांद ने इस बात का खुलासा फ्रांसीसी मीडिया को दिए एक इंटरव्यू में किया है। ओलांद से जब पूछा गया कि रिलायंस को एक पार्टनर के रूप में चुनने के बारे में सुझाव किसने और क्यो दिया? ओलांद ने कहा, 'यह भारत सरकार थी जिसने रिलायंस के नाम का प्रस्ताव दिया था और दसॉल्ट के पास कंपनी को देने के अलावा कोई विकल्प नहीं था।'

ओलांद का बयान

ओलांद का बयान

ओलांद ने कहा, 'हमने इस बारे में कोई बात नहीं की थी। भारत सरकार ने इस 'सर्विस ग्रुप' का प्रस्ताव दिया था। उसके बाद दसॉल्ट ने अंबानी के साथ बातचीत की। हमारे पास कोई विकल्प नहीं था। हमसे जो कहा गया था हमने उसे कर लिया'

इसे भी पढ़ें- लश्कर की धमकी, अंबाला कैंट, हिसार, पानीपत सहित कई रेलवे स्टेशन को 20 अक्टूबर को उड़ा देंगे

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English summary
Rafale Row France President Emmanuel Macron says I was not in power when the deal was done.
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