राफेल क्यों उड़ा रहा पड़ोसियों की नींद, जानिए कैसे भारतीय वायुसेना मजबूती देगा ये जेट
नई दिल्ली। फ्रांस से खरीदे गए राफेल विमानों की पहली खेप आज भारत पहुंच गई है। सोमवार को फ्रांस से रवाना हुए पांच राफेल विमानों का पहला बेड़ा अंबाला एयरबेस पर उतरा। ये पांच राफेल ऐसे समय में भारत आए हैं, जब भारत के संबंध अपने दो पड़ोसियों,चीन और पाकिस्तान से तनातनी के चल रहे हैं। प्रधानमंत्री, रक्षामंत्री, गृहमंत्री ने राफेल को लेकर ट्वीट किए हैं। शाह ने राफेल को गेमचेंजर कहा है तो कई रक्षा विशेषज्ञ भी ऐसा मान रहे हैं कि राफेल भारतीय वायुसेना को ताकत देने का काम करेगा।
कुछ ही देशों के पास राफेल
राफेल भारत के अलावा कतर और इजिप्ट के पास है। अब भारत को ये मिला है तो चीन और पाक को ये परेशानी में डालेगा ही। इसकी खासियत देख हम समझ सकते हैं कि कैसे ये वायुसेना की ताकत बढ़ा देगा।
राफेल 4.5 जेनेरेशन का एयरक्राफ्ट है। भारतीय वायुसेनाके बेड़े में अधिकांश विमान मिराज 2000 और एसयू -30 एमकेआई शामिल हैं, जिन्हें तीसरी या चौथी पीढ़ी के लड़ाकू विमानों के रूप में वर्गीकृत किया गया है। राफेल इनसे आगे का है।
राफेल एक ट्विन-जेट लड़ाकू विमान है, यानी राफेल जेट कई हथियारों को कैरी करने में सक्षम हैं। यह परमाणु हथियारों को लेकर उड़ान भरने में भी सक्षम है। इसके साथ-साथ एक साथ 40 टारगेट का पता लगाने की खासियत इस फाइटर जेट को दूसरों से और खास बनाती है। राफेल का राडार 100 किमी के भीतर एक बार में 40 टारगेट का पता लगा लगा सकता है।
ये क्षमताएं बनाती हैं खास
राफेल एक मिनट में 60 हजार फुट की ऊंचाई तक की उड़ान भर सकता है और ये 2223 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से उड़ सकता है। राफेल विमान की भार वहन क्षमता 9500 किलोग्राम है और यह अधिकतम 24,500 किलोग्राम तक के वजन के भार के साथ 60 घंटे की अतिरिक्त उड़ान भरने में सक्षम है।
राफेल दो इंजन वाला फाइटर जेट है। इसकी 15.27 मीटर और ये 5.3 मीटर ऊंचा है। इसकी फ्यूल कैपेसिटी 17 हजार किलोग्राम है। वहीं राफेल की स्कैल्प मिसाइल की रेंज करीब 300 किलोमीटर है।
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फ्रांस से खरीदे गए हैं कुल 36 राफेल जेट
भारत ने 36 राफेल जेट फ्रांस से खरीदे हैं। फ्रांस सरकार के साथ 2015 में 36 राफेल की डील भारत सरकार ने साइन की थी। इससे पहले मनमोहन सिंह के प्रधानमंत्री रहते राफेल को लेकर डील हुई थी लेकिन मौजूदा सरकार ने उसे कैंसिल कर फिर से डील की थी। अभी तक भारत के अलावा इजिप्ट और कतर की वायुसेनाएं इसका प्रयोग कर रही हैं। कुल 36 राफेल विमान भारत फ्रांस से खरीद रहा है। इसमें अन्य एयरक्राफ्ट को दो सालों में भारत को सौंप दिया जाएगा। राफेल की लैंडिंग को लेकर अंबाला में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए। पूरे शहर में धारा 144 लगाई गई। इतना ही नहीं, आईएएफ ने फोटो और वीडियो लेने पर भी पाबंदी लगा दी थी।
राफेल के भारत पहुंचने पर बोले अमित शाह, ये फाइटर जेट गेम चेंजर साबित होंगे