राफेल डील: ओलांद के बयान पर बोले सुब्रमण्यम स्वामी, 'अगर इसमें सच्चाई है तो ये गंभीर मामला है'
नई दिल्ली। राफेल सौदे को लेकर देश में सियासी भूचाल आया है। कांग्रेस सहित तमाम विपक्षी दल पीएम नरेंद्र मोदी पर हमला कर रहे हैं और इस डील के जरिए अंबानी समूह को फायदा पहुंचाने का आरोप लगा रहे हैं। वहीं, भारत में इस डील को लेकर जारी बहस के बीच फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति और फ्रांसीसी हथियार कंपनी दसॉल्ट का बयान भी दिया है। जबकि फ्रांस्वा ओलांद के बयान पर राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है।
फ्रांस्वा ओलांद के बयान पर दी प्रतिक्रिया
सुब्रमण्यम स्वामी ने ट्विटर पर एक ट्वीट के जवाब में लिखा, 'ये गंभीर मामला है, अगर इसमें सच्चाई है'। इसके पहले फ्रांस्वा ओलांद ने एक इंटरव्यू में कहा था कि राफेल डील के लिए उनके सामने भारत सरकार ने सिर्फ रिलायंस कंपनी का ही विकल्प रखा था, इसलिए दसॉल्ट और रिलायंस ग्रुप के साथ समझौता मंजूर हुआ, और कोई विकल्प उनके पास मौजूद नहीं था।
राफेल से देश में सियासी भूचाल, लालू का तंज- 'मित्रों, घालमेल की जानकारी मिलनी चाहिए की नहीं'
|
दसॉल्ट ने कहा- रिलायंस उनकी पसंद
वहीं, फ्रांसीसी हथियार कंपनी दसॉल्ट ने भी बयान जारी कर दिया कि रिलायंस को चुनना उनकी कंपनी की ही पसंद थी। दसॉल्ट एविएशन और रिलायंस ग्रुप के बीच ऑफसेट समझौते पर भारत के स्टैंड की पुष्टि करते हुए बयान में कहा गया कि रक्षा खरीद प्रक्रिया (डीपीपी) 2016 के नियमों के अनुपालन दौरान रिलायंस ग्रुप को ही चुना गया था। यहां दसॉल्ट और फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद के बयानों में विरोधाभास नजर आता है।
कांग्रेस ने राफेल को लेकर खोला मोर्चा
राफेल सौदे पर सरकार स्पष्ट कर चुकी है कि यह दो कंपनियों के बीच की कमर्शियल डील थी, जिसमें भारत और फ्रांस की सरकार का लेना देना नहीं था। जबकि कांग्रेस का आरोप है कि वर्तमान सरकार ने इस डील को बदल दिया, जिसकी कीमत पिछली डील से तीन गुना ज्यादा है। कांग्रेस लगातार मोदी सरकार से इसका जवाब मांग रही है।
ये भी पढ़ें: राफेल पर घमासान: दसॉल्ट ने कहा- रिलायंस को हमने किया था पसंद, नागपुर में खड़ा किया प्लांट