Rafale Deal: मनोहर पर्रिकर के बेटे ने ट्वीट करके राहुल गांधी के लिए कही बड़ी बात
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नई दिल्ली। राफेल डील में भ्रष्टाचार के आरोपों के बीच जिस तरह से सुप्रीम कोर्ट ने मोदी सरकार को क्लीन चिट दी उसके बाद पूर्व रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर के बेटे उत्पल पर्रिकर ने ट्वीट करके राहुल गांधी पर निशाना साधा है। उत्पल पर्रिकर ने कहा कि राफेल पर कोर्ट का फैसला आ गया है और यह राहुल गांधी के लिए अच्छा सीखने का अनुभव है। उत्पल ने ट्वीट करके लिखा कि मैं राहुल गांधी को गलत तरह से नियोजित किए गए इस राजनीतिक खेल को संदेह का लाभ दे सकता हूं, जैसा कि उन्होंने मेरे बीमार पिताजी को घर पर देखने के बाद भी किया था।
राहुल
पर
साधा
निशाना
उत्पल
ने
सिलसिलेवार
कई
ट्वीट
करके
राहुल
गांधी
पर
जमकर
हमला
बोला।
उन्होंने
डोकलाम
विवाद
को
लेकर
भी
राहुल
पर
निशाना
साधा।
उत्पल
ने
लिखा
कि
कुछ
रक्षा
ऑफसेट
कॉन्ट्रेक्टर
या
राजदूतों
के
साथ
चुपके
से
हासिल
की
गई
मीडिया
रिपोर्ट
पर
भरोसा
करते
हैं
तो
यह
गलत
है।
उन्होंने
लिखा
कि
राफेल
को
लेकर
कोई
भी
पुख्ता
सबूत
नहीं
था।
लेकिन
मैं
राहुल
गांधी
को
संदेह
का
लाभ
दूंगा
और
आशा
करता
हूं
कि
वह
इन
चीजों
से
सीखेंगे।
कोर्ट
ने
खारिज
की
पुनर्विचार
याचिका
बता
दें
कि
राफेल
डील
की
खरीद
में
भ्रष्टाचार
के
आरोपों
के
चलते
सुप्रीम
कोर्ट
में
इसको
लेकर
पुनर्विचार
याचिका
दायर
की
गई
थी।
सुप्रीम
कोर्ट
ने
इस
मसले
पर
अपना
फैसला
पहले
ही
सुना
दिया
था
और
इस
मसले
पर
कुछ
भी
कहने
से
इनकार
किया
था।
लेकिन
कोर्ट
के
फैसले
के
बाद
फिर
से
पुनर्विचार
याचिका
दायर
की
गई
थी
और
कहा
गया
था
कि
सरकार
ने
इस
मामले
में
सुप्रीम
कोर्ट
को
गुमराह
किया
है।
लेकिन
पुनर्विचार
याचिका
पर
सुप्रीम
कोर्ट
ने
गुरुवार
को
फैसला
सुनाते
हुए
इस
पुनर्विचार
याचिका
को
खारिज
कर
दिया
है।
सुप्रीम
कोर्ट
ने
14
दिसंबर
2018
को
दिए
अपने
फैसले
को
बरकरार
रखा
है।
पिछले
साल
ही
कोर्ट
ने
दिया
था
फैसला
बता
दें
कि
इससे
पहले
कोर्ट
ने
14
दिसंबर
2018
को
राफेल
डील
की
प्रक्रिया
को
सही
ठहराया
था।
लेकिन
इसके
बाद
मीडिया
की
कुछ
रिपोर्ट
और
कागजात
के
आधार
पर
सुप्रीम
कोर्ट
इस
मामले
को
लेकर
दायर
पुनर्विचार
याचिका
की
सुनवाई
के
लिए
हामी
भरी
थी।
जिसके
बाद
इस
मामले
पर
सुनवाई
शुरू
हुई
थी।केंद्र
सरकार
ने
सुप्रीम
कोर्ट
में
हलफनामा
दाखिल
करते
हुए
राफेल
डील
से
जुड़ी
दायर
पुनर्विचार
याचिकाओं
को
खारिज
करने
की
मांग
की
थी।
सुप्रीम
कोर्ट
को
भेजे
गए
लिखित
निवेदन
में
सरकार
ने
कहा
था
कि
राफेल
मुद्दे
पर
पुनर्विचार
याचिका
तुच्छ
आरोप
और
निराधार
अटकलों
पर
आधारित
है।