OTP नंबर से ही नहीं, बल्कि कार्ड नंबर से भी उड़ाए जा रहे हैं अकाउंट से पैसे
दिल्ली पुलिस ने ऐसे गिरोह का भंडाफोड़ किया है जो डेबिट और क्रेडिट कार्ड नंबर के जरिये लोगों के बैंक अकाउंट से पैसे उड़ा रहा था। ऐसा कर ये गिरोह अबतक 100 से ज्यादा लोगों को चूना लगा चुका है। पुलिस ने अभी केवल एक ही आरोपी गौरव शर्मा को नोएडा से गिरफ्तार किया है।
नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस ने ऐसे गिरोह का भंडाफोड़ किया है जो डेबिट और क्रेडिट कार्ड नंबर के जरिये लोगों के बैंक अकाउंट से पैसे उड़ा रहा था। ऐसा कर ये गिरोह अबतक 100 से ज्यादा लोगों को चूना लगा चुका है। पुलिस ने अभी केवल एक ही आरोपी गौरव शर्मा को नोएडा से गिरफ्तार किया है और बाकी आरोपियों की तलाशी जारी है। पुलिस को आरोपी के पास से कई क्रेडिट कार्ड, 50 से ज्यादा सिम कार्ड और कई बाकी कागजात मिले हैं।
महिला की शिकायत पर हुआ गिरोह का भंडाफोड़
दक्षिण-पूर्वी जिले के डीसीपी चिन्मन बिश्वाल ने एक महिला की शिकायत पर ये जांच शुरू की। एक महिला ने अपने अकाउंट से पैसे कटने की शिकायत की थी। जब पुलिस ने इस मामले की छानबीन शुरू की तो कई चौंकाने वाली जानकरी मिली। एक गिरोह लोगों को लुभावने ऑफर देकर उनके बैंक से पैसे उड़ा रहा था। गिरोह विभिन्न बैंकों के ग्राहकों को क्रेडिट कार्ड की लिमिट बढ़ाने जैसे ऑफर देकर उनका अकाउंट नंबर पूछता था। इसके बाद वो इस पैसे को ई-वॉलेट में ट्रांसफर करते थे।
बैंक के सर्वर पर रजिस्टर करते थे अपना नंबर
पुलिस के अनुसार गिरोह के लोग पहले अलग-अलग बैंकों के ग्राहकों की जानकारियां जुटाते थे। इसके बाद वो खुद बैंक का कर्मचारी बन उन्हें फोन करते थे और लुभावने ऑफर देते थे। इस दौरान वह उनसे उनका कार्ड नंबर मांगते थे। कार्ड का नंबर हाथ में आते ही वो बैंक के सर्वर पर जाकर वहां अपना नंबर रजिस्टर करा देते थे। ग्राहक के अकाउंट में अपना नंबर रजिस्टर कराने के बाद ट्रांसैक्शन का ओटीपी उनके नंबर पर आता था। फोन पर ओटीपी आने के बाद वो ग्राहक के बैंक अकाउंट से धनराशि निकाल बाद में उन्हीं का नंबर फिर से रजिस्टर करा देते थे।
बैंक जानकारी किसी से न करें शेयर
बैंक अकाउंट से पैसे कटने का मैसेज आने के बाद ग्राहकों को इसका पता चलता था। साइबर एक्सपर्ट का कहना है कि टेक्नोलॉजी के बढ़ते इस्तेमाल ने अपराधियों को भी स्मॉर्ट बना दिया है। इसलिए कोई भी न केवल अपना ओटीपी, बल्कि बैंक अकाउंट से जुड़ी कोई भी जानकारी किसी के साथ न शेयर करें। ऐसा करने से ग्राहकों को भारी नुकसान हो सकता है। पुलिस इस मामले में बैंक अधिकारियों की मिलीभगत की भी जांच कर रही है।