करारी हार पर बोले अखिलेश यादव-मुकाबला 'फरारी' और 'साइकिल' के बीच था, सबको रिजल्ट पता था
आजमगढ़। लोकसभा चुनाव 2019 में सपा की बुरी गत हो गई है, हालांकि सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव तो अपनी सीट बचाने में कामयाब रहे लेकिन इसके बावजूद उन्हें करारी नकामी हाथ लगी है, बसपा सुप्रीमो मायावती के साथ गठबंधन करके चुनावी रण में उतरे अखिलेश यादव को कतई अंदाजा नहीं था कि इस बार वो कन्नौज, बंदायू और फिरोजाबाद में हार जाएंगे, फिलहाल अपनी जीत के बाद आजमगढ़ पहुंचे अखिलेश यादव ने एक जनसभा की और मीडिया के सवालों का जवाब दिया।
BJP के पास जनता का मूड बदलने की शक्ति-अखिलेश यादव
अखिलेश यादव ने आजमगढ़ की जनता का शुक्रिया अदा करते हुए सपा के कार्यकर्ताओं से कहा कि वे अभी से 2022 के विधानसभा चुनाव और अगले लोकसभा चुनाव के लिए जुट जाएं। पार्टी की हार के सवाल में यूपी के पूर्व मुखिया ने कहा कि बीजेपी लोकसभा चुनाव इसलिए जीतने में सफल रही कि क्योंकि उसके पास जनता के मूड को बदलने की शक्ति है।
'मुकाबला फरारी और साइकिल के बीच था'
इंडियन एक्सप्रेस में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक अखिलेश यादव ने जनसभा में कहा कि दरअसल ये चुनावी दौड़ फरारी और साइकिल के बीच में थी, हर कोई जानता था कि फरारी जीतने जा रही है न कि साइकिल, आप ही बताइए, टीवी पर हर दिन कौन दिखता था? वो हमारे मोबाइल फोन के जरिए हमारे दिमाग के साथ खेले और जीत गए, उन्होंने लोगों के दिमाग को मजबूर कर दिया।
अखिलेश ने कहा-हम लोगों का माइंड नहीं बदल पाए
अखिलेश ने कहा कि समाजवादियों और मुख्य रूप से किसानों और गरीबों को समझना चाहिए कि यह एक अलग तरह की लड़ाई है, जिस दिन आप इस लड़ाई को समझ जाएंगे, आप जीत जाएंगे, उन्होंने आजमगढ़ के सपा और बसपा दोनों दलों के कार्यकर्ताओं के प्रति जीत में सहयोग के लिए आभार जताया और कहा कि वो लोगों के कल्याण के लिए काम करते रहते हैं।
अखिलेश ने दी विरोधियों को चुनौती
सपा के टीपू सुल्तान ने एक बार फिर से बीजेपी को चुनौती देते हुए कहा कि हम भले ही आज चुनाव हार गए हैं लेकिन वो अपने कामों की और हमारे कामों की आपस में तुलना ना करें, हमने जो किया है वो सबके सामने है, वे हमारे सामने कहीं नहीं टिकते, उन्होंने कुछ दूसरे कारणों से चुनाव जीता है, उन्होंने कहा कि हमारा गठबंधन मुसलमान, यादवों और दलितों में से एक था, हम जिन लोगों के लिए लड़ना चाहते थे, सफल नहीं हुए, हम लोगों को समझा नहीं पाए लेकिन हम अपना काम करना नहीं छोड़ेंगे।
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