सी-1 30 जे के नकली कलपुर्जों के सवाल पर एंटोनी क्यों रहे चुप?
साल 2011-2012 में यूएस सीनेट आर्म्ड सर्विसेज कमेटी ने जांच में पाया था कि सी-130जे, सी-27जे और कुछ और यूएस मिलिट्री सिस्टम में जो पार्ट्स लगे हैं वह नकली हैं। इन पार्ट्स को चीन के शेनझान स्थित हांग डार्क इलेक्ट्रॉनिक ट्रेड कंपनी की ओर से मैन्यूफैक्चर किया गया था। इस कंपनी ग्लोबल आईसी ट्रेंडिंग ग्रुप को यह पार्ट्स बेचे थे। यह ग्रुप अमेरिका का स्वतंत्र डिस्ट्रीब्यूटर है। इस डिस्ट्रीब्यूटर को बेचे गए एल-3 कम्यूनिकेशन डिस्प्ले सिस्टम लॉकहीड मार्टिन कंपनी को बेचा गया। लॉकहीड मार्टिन ही यूएस मिलिट्री के लिए सी-130जे को मैन्यूफैक्चर करने वाली कंपनी है।
फिलहाल अभी तक इस बात की कोई जानकारी नहीं मिली है कि क्या नकली कल-पुर्जों की वजह से ही शुक्रवार को ग्वालियर के पास सी-130जे क्रैश हो गया लेकिन सीनेट कमेटी की ओर से हुई यह जांच के बाद इस बात की आशंका मजबूत होती है कि शायद सी-130जे में लगे हजारों कल-पुर्जे जिनमें डिस्प्ले सिस्टम में लगी चिप भी शामिल हैं, नकली थीं। साल 2012 में इंडियन मीडिया की ओर से यह सवाल उठाया गया था लेकिन उसी साल संसद में डिफेंस मिनिस्टर एके एंटोनी ने बयान दिया कि पिछले चार वर्षों से इंडियन एयरफोर्स यूएस डिफेंस इक्विमेंट्स को संचालित कर रही है लेकिन उसे इन इक्विपमेंट्स में कोई भी खराबी नजर नहीं आई है।
वहीं दूसरी ओर यूएस सीनेट आर्म्ड सर्विसज कमेटी ने सी-130जे में लगे नकली पार्ट्स को लेकर अपनी आशंकाएं जाहिर कर दी थीं। न सिर्फ सी-130जे बल्कि इस कमेटी ने पी8 पोसेडियन सीरीज के मैरीटाइम सर्विलांस एयरक्राफ्ट्स को लेकर भी सवाल उठाए थे। उस समय तक भारत को जहां छह सी-130जे एयरक्राफ्ट्स हासिल हो चुके थे तो वहीं आठ पी8 मैरीटाइम एयरक्राफ्ट्स को इंडक्ट किया जाना था।
सीनेट की इस कमेटी की ओर से 1800 से भी ज्यादा केसों में अनियमितताएं पाई गईं थीं। जिन पर कमेटी को सबसे ज्यादा शक था उसमें सी-130जे के डिस्प्ले सिस्टम में इंस्टॉल की गईं चिप और पी8 में इंस्टॉल किए गए आईस डिटेक्शन सिस्टम सबसे ऊपर थे। इन दोनों को ही चीन से आयात किया गया था। हालांकि इन पार्ट्स की वजह से इस एयरक्राफ्ट पर सीधे तौर पर कोई बड़ा खतरा नहीं है लेकिन यह इसके कई नाजुक सिस्टम पर खासा प्रभाव डाल सकते हैं जिससे युद्ध के समय पर जिंदगी और मौत तक का खतरा पैदा हो जाता है। सी-130जे के डिस्प्ले सिस्टम की वजह इस एयरक्राफ्ट की हालत का पता चलता है जैसे इंजन का स्टेटस क्या है और फ्यूल की स्थिति कैसी है और साथ ही मिसाइल वॉर्निंग अलर्ट्स पर भी असर पड़ सकता है।
एंटोनी की मानें तो पी8 एयरक्राफ्ट्स को बनाने वाली कंपनी बोइंग की ओर से उन्हें भरोसा दिलाया गया है कि एयरक्राफ्ट में किसी भी तरह को कोई नकली पार्ट इंस्टॉल नहीं किया गया है। लेकिन उन्होंने यह नहीं बताया था कि क्या लॉकहीड मार्टिन की ओर से भी उन्हें ऐसा ही कोई आश्वासन दिया गया है। उनकी मानें तो आईएएफ को अमेरिकी सरकार की ओर से सप्लायर्स की लिस्ट मिली है और कोई भी सप्लायर चाइनीज मैन्यूफैक्चर के तौर पर इस लिस्ट में दर्ज नहीं है।