2G स्कैम: कोर्ट के फैसले के बाद कैग विनोद राय की रिपोर्ट पर उठे सवाल
नई दिल्ली। सीबीआई की विशेष अदालत ने 2जी स्कैम में शामिल ए. राजा, कनिमोझी समेत सभी आरोपियों को तीनों मामले में बरी कर दिया। इस फैसले के बाद तत्कालीन कैग विनोद राय की रिपोर्ट पर सवाल खड़े हो गए हैं। सवाल उठाए जा रहे हैं कि क्या 1.76 लाख करोड़ का घोटाला हुआ था या नहीं। किसी साजिश के तहत ये आरोप लगाए गए थे?
आपको बता दें कि पटियाल कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि, ऐसा कोई घोटाला नहीं हुआ था। कोर्ट ने कहा कि सीबीआई आरोपियों के खिलाफ सबूत जुटाने में विफल रही। इसलिए कोर्ट सभी आरोपियों को बरी करती है। 2010 में आई कैग की रिपोर्ट में 2008 में बांटे गए स्पेक्ट्रम पर सवाल उठाए गए थे। इसमें बताया गया था कि स्पेक्ट्रम की नीलामी के बजाए 'पहले आओ, पहले पाओ' के आधार पर इसे बांटा गया था। इससे सरकार को एक लाख 76 हजार करोड़ रुपए का घाटा हुआ था।
आपको बता दें कि एक आरोप लगाया गया था कि जिसमें दो कंपनियों के बीच 200 करोड़ का मनी ट्रांजेक्शन की बात कही गई थी। इसे भी सीबीआई कोर्ट में साबित नहीं कर पाई। बचाव पक्ष ने कोर्ट में उस ट्रांजेक्शन के सबूत पेश कर दिए। जिसमें बताया गया था कि यह ट्रांजक्शन लोन का था। जिसे एक कंपनी से दूसरी कंपनी को भेजा गया था।