जापान से विदेश मंत्री एस जयशंकर का चीन को संदेश, क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करना सीखें
टोक्यो। जापान की राजधानी टोक्यो से विदेश मंत्री एस जयशंकर ने चीन का स्पष्ट संदेश दिया है। टोक्यो में मंगलवार को क्वाड संगठन के सदस्य देशों भारत, ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका और जापान के विदेश मंत्रियों की दूसरी मीटिंग थी। इस मीटिंग का आयोजन ऐसे समय में हुआ था जब पांच माह से पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन की सेनाएं आमने-सामने हैं। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने यहां से चीन को स्पष्ट संदेश दिया है। उन्होंने चीन से कहा है कि वह भारत की क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करे और विवादों का शांतिपूर्ण समाधान हो।
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पूरी मीटिंग में गूंजा चीन का नाम
इस मीटिंग में अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोंपेयो ने बस एक ही देश चीन का नाम लिया। मीटिंग के शुरू होने से पहले पोंपेयो ने कहा, 'अमेरिका, क्वाड का साझीदार है और अब यह बहुत ही नाजुक है कि हम अपने लोगों और अपने साथियों को सीसीपी (कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना) के उत्पीड़न, भ्रष्टाचार और उसके शक्ति प्रदर्शन से बचाएं।' पोंपेयो ने कहा कि दक्षिण में, ईस्ट चाइना सी, मेकॉन्ग, हिमालय और ताइवान में लगातार चीन के बलपूर्वक हो रहे शक्ति प्रदर्शनक को देख रहे हैं। क्वाड की मीटिंग तीन घंटे तक चली और इससे पहले पोंपेयो और जयशंकर के बीच मुलाकात हुई थी। इसके बाद चारों देशों के विदेश मंत्रियों की अलग-अलग मीटिंग हुई। फिर चारों देशों के विदेश मंत्रियों ने जापान के नए प्रधानमंत्री योशिहिदे सुगा से मुलाकात की। इस वर्ष सितंबर में चारों देशों के विदेश मंत्रियों की वर्चुअल मीटिंग हुई थी। लेकिन कोरोना वायरस महामारी के बीच इन विदेश मंत्रियों का क्वाड सम्मेलन में मिलना काफी महत्वपूर्ण है।
क्वाड देशों के साथ बिगड़े चीन के रिश्ते
चीन के क्वाड देशों के साथ रिश्ते इस समय बेहद खराब दौर में हैं और ऐसे में यह सम्मेलन काफी अहमियत रखता है। मीटिंग में जयशंकर ने कहा, 'जिस तरह से बहुआयामी और अनेकवादी लोकतंत्र के तौर पर हम साझा आदर्श रखते हैं, हमारे देशों ने साथ में मिलकर इस बात पर बल दिया है कि एक आजाद, खुला और खास हिंद-प्रशांत क्षेत्र बहुत महत्वपूर्ण है। हम नियमों पर आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था को बरकरार रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं जो पारदर्शी हो और जहां पर अंतरराष्ट्रीय समुद्रो में नेविगेशन की आजादी हो। जहां पर क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान हो और जहां विवादों का निबटारा शांतिपूर्ण ढंग से होता हो।' विदेश मंत्रालय की तरफ से जहां क्वाड सम्मेलन को ऑस्ट्रेलिया-भारत-जापान-अमेरिका की क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर आपसी परामर्श और साझा हितों से जुड़ी दूसरी मीटिंग बताया गया तो जयशंकर इसे क्वाड मीटिंग कहने से नहीं हिचके।