अमेरिकी धमकी बेअसर, भारत ने रूस के साथ साइन की पांच एस-400 सिस्टम की डील, जानिए इंडियन एयरफोर्स को क्या होगा फायदा
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन के बीच हैदराबाद हाउस में मुलाकात के बाद भारत के लिए एक बड़ी खबर निकल कर आ रही है। भारत ने रूस के साथ पांच एस-400 ट्राइम्स मिसाइल शील्ड सिस्टम की डील को साइन कर लिया है। इस डील के साथ ही इंडियन एयरफोर्स (आईएएफ) की ताकत में दोगुना इजाफा होगा। यह डील करीब पांच बिलियन डॉलर यानी 39,000 करोड़ रुपए की है। इसके तहत भारत को पांच सिस्टम मिलेंगे। गौर करने वाली बात यह है कि इस डील पर ही अमेरिका की ओर से मंगलवार को प्रतिबंधों की धमकी आई थी। इस सिस्टम को भारत के रक्षा क्षेत्र में एक मील का पत्थर माना जा रहा है।
होंगी पांच स्क्वाड्रन्स
सूत्रों की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक भारत को कुल रकम की सिर्फ 15 प्रतिशत कीमत अदा करना होगी और वह भी फाइनल कॉन्ट्रैक्ट के साइन होने पर। बाकी की रकम डिफेंस सिस्टम की डिलीवरी पर दी जाएगी। इंडियन एयरफोर्स (आईएएफ) को एस-400 मिसाइल की पहली स्क्वाड्रन मिलेगी। करीब 24 माह यानी दो वर्षों के अंदर पूरी तरह से यह सिस्टम स्क्वाड्रन का हिस्सा होगा जिसमें कमांड पोस्ट्स लेकर, लॉन्चर्स, लॉन्चर व्हीकल्स समेत कई अहम चीजें शामिल होंगी। सभी पांच स्क्वाड्रन्स को आने में कम से कम पांच वर्ष का समय लगेगा।
एस-400 पर क्या बोले आईएएफ चीफ
एस-400 सिस्टम 100 से 300 टारगेट को एक साथ भेद सकते हैं। इन सिस्टम को शहरों और न्यूक्लियर पावर प्लांट्स जैसे संवेदनशील ठिकानों की सुरक्षा के अलावा युद्ध के दौरान भी तैनात किया जा सकता है। कुछ दिन पहले ही इंडियन एयरफोर्स चीफ एयर मार्शल बीरेंदर सिंह धनोआ ने कहा था, 'एस-400 के जरिए सरकार सेना की ताकतों में इजाफा कर रही है जो लगातार कम होती संख्या से जूझ रही है।' एयरफोर्स चीफ के मुताबिक एक बार सरकार की मंजूरी मिलने के बाद इस सिस्टम की डिलीवरी 24 माह यानी दो वर्षों के अंदर शुरू हो जाएगी।
क्या है इस सिस्टम की खासियत
यह सिस्टम 400 किलोमीटर की दूरी से आने वाले हर तरह के एयरक्राफ्ट, यूएवी के अलावा बैलिस्टक और क्रूज मिसाइल को पहचान कर उन्हें ध्वस्त कर सकता है। आपको बता दें कि दिल्ली से लाहौर की दूरी 400 किलोमीटर से कुछ ही ज्यादा यानी 412 किलोमीटर है। एंटी बैलिस्टिक मिसाइल सिस्टम एस-400 खरीदने के बाद भारत, चीन या पाकिस्तान की ओर से किसी मिसाइल हमले की स्थिति में मुंहतोड़ जवाब दे सकेगा। यह रडार की पकड़ न आने वाली अमेरिकन एफ-35 फाइटर जेट को भी मार गिरा सकता है। रूस की एस-400 रक्षा प्रणाली में अलग-अलग क्षमता की तीन तरह की मिसाइलें मौजूद हैं। यह मिसाइल सिस्टम सीरिया बॉर्डर पर तैनात है। हाल ही में चीन ने भी यही मिसाइल सिस्टम रूस से खरीदा है और इसकी वजह से उस पर अमेरिकी प्रतिबंध भी लगा दिए गए हैं।