पंजाब: कौन होते हैं निहंग, जिन्होंने कर्फ्यू पास मांगने पर पुलिस वाले का काट डाला हाथ
नई दिल्ली- पंजाब के पटियाला में एक पुलिस वाले को ड्यूटी के दौरान कुछ हमलावरों ने उसका हाथ ही काट डाला। पुलिस वाले की गलती ये थी कि वह बिना कर्फ्यू पास दिखाए कुछ निहंगों को सब्जी मंडी में घुसने से रोक दिया था। इस घटना में निहंगों ने पुलिस के एक एएसआई का तलवार से हाथ काट दिया तो दो और पुलिस वालों को भी जख्मी कर दिया। आइए जानते हैं कि कौन होते हैं यह निहंग और सिख परंपरा में इनका क्या महत्त्व है और ये अपने साथ इतने हथियार लेकर क्यों चलते हैं। (पहली तस्वीर प्रतीकात्मक)
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सिखों में है निहंगों को है योद्धा का दर्जा
निहंगों को अकालियों के नाम से भी जाना जाता है जो सिखों में बेहद प्रतिष्ठित माने जाते हैं। इतिहास में सिखों की सैन्य क्षमताओं और लड़ाइयों में निहंगों का गौरवशाली स्थान माना जाता है। अपने युद्ध कलाओं की वजह से सिखों में निहंगों को बहुत सम्मान प्राप्त है। हालांकि, अब पहले जैसी परंपरागत लड़ाइयां नहीं होतीं, इसलिए निहंग अपनी युद्ध कलाओं का प्रदर्शन किसी खास समारोह में ही करते हुए देखे जाते हैं। इतिहास और परंपरा के तहत निहंग योद्धाओं को गुरु गोबिंद सिंह जी और माता साहिब देवन के पुत्र के रूप में मान्यता प्राप्त है। मुगलों में निहंगों के शौर्य का क्या असर था, इसका अंदाजा इसी लगता है कि फारसी में निहंग शब्द का अर्थ है मगरमच्छ। जैसा कि पहले बताया गया कि निहंगों को अकालियों के तौर पर भी जानते हैं, जिसका संस्कृत में अर्थ है- अकाल पुरुष यानि जो समय में न बंधा हो और अकाली मतलब ऐसे ईश्वर का सेवक।
निहंग का अर्थ है 'निर्भय'
सिखों में निहंग का मतलब है जो 'निर्भय' हो। ऐसा सिख जो सांसारिक वस्तुओं न जुड़ा होगा। निहंगों की पहचान ये होती है कि वो नीले रंग के कपड़े पहनते हैं और सर पर एक फीट ऊंची पगड़ी बांधते हैं, जिसके सबसे ऊपर दुमाला लगी होती है। ये हमेशा हथियारों से लैस होते हैं जिनमें चक्र या खंडा जैसे हथियार प्रमुख हैं। इनके अलावा ये हमेशा खंजर, चाकू और अलग-अलग आकार की तलवारें (किरपान) और लोहे की चेन से भी सुसज्जित रहते हैं। कुल मिलाकर निहगों का लिबास सिखों में पूरी तरह से अलग नजर आता है। गुरु गोबिंद सिंह के एक परम अनुयायी बंदा बहादुर ने भी इसी लिबास को अपनाया था, जिन्हें सिख योद्धा-सेनापति का दर्जा प्राप्त है।
होला मोहल्ला के अवसर दिखाते हैं युद्ध कौशल
यूं समझ लीजिए कि निहंग सिखों के डेयर डेविल्स हैं, जिनकी शुरुआत खुद दसवें गुरु गोबिंद सिंह जी ने 300 वर्षों से भी अधिक पहले किया था। अपने मार्शल कौशल की वजह से धार्मिक तौर पर इन्हें योद्धा का दर्जा मिला हुआ है, जिनकी प्राथमिक जिम्मेदारी गुरुद्वाराओं की रक्षा करना और युद्ध के समय सबसे आगे रहना है। आज की तारीख में निहंग मुख्य तौर पर होला मोहल्ला जैसे त्योहारों पर अपने मार्शल आर्ट का प्रदर्शन करते हैं। ये परंपरा गुरु गोबिंद सिंह जी के जमाने से ही चली आ रही है। (ऊपर की सारी तस्वीरें प्रतीकात्मक और उनका पटियाला की घटना से कोई लेना-देना नहीं)
पटियाला में निहंगों ने पुलिस वाले का हाथ काट डाला
रविवार को निहंग समुदाय के लोग एक बार फिर इसलिए चर्चा में आए, क्योंकि पंजाब के पटियाला में कुछ निहंगों ने सब्जी मंडी में कर्फ्यू पास पांगने पर पुलिस वालाों पर हमला कर दिया। कोरोना वायरस के प्रकोप के मद्देनजर लॉकडाउन के नियमों का सख्ती से पालन कराया जा रहा है, इसी कड़ी में जब पुलिस वालों ने उनसे कर्फ्यू पास दिखाने को कहा तो उन्होंने तलवारों से पुलिस वालों पर हमला बोल दिया। इस हमले में हरजीत सिंह नाम के एएसआई का हाथ कट गया, जिन्हें इलाज के लिए फौरन चंडीगढ़ के पीजीआई में भर्ती कराया गया। इस हमले में एएसआई की हाथ की कलाई कटकर अलग हो गई, जिसे प्लास्टिक सर्जरी से जोड़ने की कोशिश की गई है। इस हमले में दो और पुलिस वाले भी जख्मी हुए हैं।
7 निहंग एक गुरुद्वारा से गिरफ्तार
बाद में पुलिस ने बलबेरा गांव के एक गुरुद्वारे से 7 आरोपियों को धर-दबोचा है। पुलिस के मुताबिक जब टीम उन्हें गिरफ्तार करने पहुंची तो उनपर फायरिंग की गई। स्पेशल चीफ सेक्रेटरी केबीएस सिद्धू के मुताबिक पुलिस की जवाबी फायरिंग में एक हमलवार भी जख्मी हुआ है, जिसे अस्पताल में दाखिल कराया गया है।
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