सीरियल 'राम सिया के लव कुश' पर लगे बैन पर स्टे देने से पंजाब हाईकोर्ट ने किया इंकार
चंडीगढ़। पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने सोमवार को मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के निर्देश पर पंजाब भर के उपायुक्तों द्वारा लगाए गए टेलीविजन सीरियल 'राम सिया के लव-कुश' के केबल प्रसारण बैन पर स्टे देने से इनकार कर दिया। उसी के मद्देनजर, विवादास्पद धारावाहिक के प्रसारण पर फिलहाल प्रतिबंध लगा हुआ है। हाईकोर्ट इस मामले की अगली सुनवाई 12 सितंबर को करेगा।
कलर्स टीवी चैनल द्वारा दायर एक याचिका पर विशेष सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति टीएस ढींडसा ने विभिन्न जिला आयुक्तों द्वारा पारित आदेशों पर रोक लगाने से इंकार कर दिया। पंजाब सरकार की ओर से मामले पर बहस करते हुए, अतिरिक्त महाधिवक्ता रमीजा हकीम ने कहा कि धारावाहिक के प्रसारण पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय इस आधार पर लिया गया था कि वाल्मीकि जी को एक नकारात्मक करेक्टर के तौर पर पेश किया गया है। जिससे राज्य में वाल्मीकि समुदाय की धार्मिक और अन्य भावनाओं को ठेस पहुंची है।
सुनवाई के दौरान, कलर्स टीवी ने दावा किया कि प्रतिबंध आदेश प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों का पालन किए बिना और केबल ऑपरेटर्स विनियमन अधिनियम की धारा 19 की सामग्री के बिना पारित किए गए थे। चैनल ने धारावाहिक के निर्माताओं की ओर से सचिव गृह के साथ विवादास्पद दृश्यों पर चर्चा करने का प्रस्ताव भी रखा। जिसमें उन्होंने वाल्मीकि जी के जीवन को नकारात्मक चित्रित करने वाले दृश्यों को हटाने की पेशकश की।
बता दें कि, पंजाब के वाल्मीकि समुदाय ने टीवी शो 'राम सिया के लव कुश' के टेलीकास्ट के खिलाफ शनिवार को प्रदर्शन किया। समुदाय ने शो का प्रसारण को बंद करने की मांग की और रविवार 7 सितंबर को बंद का आह्वान किया था। प्रदर्शन के दौरान एक शख्स की मौत के बाद पंजाब की कैप्टन अमरिंदर सरकार ने जिला कमिश्नर्स को इस पर फौरन बैन के आदेश दिए थे।
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