प्रदर्शन कर रहे किसानों के खिलाफ पंजाब सरकार ने वापस ली FIR, मुख्यमंत्री ने की ये अपील
नई दिल्ली। देश का अन्नदाता यानी किसान एक बार फिर सड़कों पर उतर गया है। केंद्र सरकार की ओर से लाए गए तीन कृषि अध्यादेशों के खिलाफ किसानों का विरोध प्रदर्शन अब तेज हो गया है। बुधवार को पंजाब के किसानों ने सड़कों को जाम कर दिया और जमकर नारेबाजी की। इस दौरान राज्य की कैप्टन अमरिंदर सिंह सरकार ने ढीलाई बरतते हुए प्रदर्शन के लिए किसानों के खिलाफ दर्ज सभी एफआईआर को वापस लेने की घोषणा की है। इसी के साथ पंजाब के मुख्यमंत्री ने प्रदर्शन कर रहे किसानों से यातायात को बाधित नहीं करने का आग्रह किया है।
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राज्य सरकार की तरफ से दी गई जानकारी के मुताबिक बुधवार को पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कृषि बिल को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों से यातायात को रोकने या धारा 144 का उल्लंघन नहीं करने की अपील की है। लेकिन यह स्पष्ट किया कि उनके खिलाफ धारा 144 के उल्लंघन के लिए कोई मामला दर्ज नहीं किया जाएगा क्योंकि वे अपने जीवन के लिए लड़ रहे है। बता दें कि धारा 144 के उल्लंघन का विरोध करने वाले किसानों के खिलाफ पहले से ही दर्ज की गई एफआईआर वापस लेने के भी आदेश जारी किए गए हैं। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने ने पंजाब कांग्रेस की ओर से "किसान विरोधी" विधेयकों के खिलाफ ज्ञापन सौंपने के बाद राज्यपाल के सदन के बाहर मीडियाकर्मियों को यह जानकारी दी है।
हरियाणा
में
प्रदर्शन
जारी
आपको
बता
दें
कि
कृषि
अध्यादेशों
को
लेकर
हरियाणा
के
विभिन्न
हिस्सों
में
किसानों
का
प्रदर्शन
जारी
है।
मंगलवार
को
जींद,
हिसार,
भिवानी
समेत
कई
जिलों
में
किसानों
ने
प्रदर्शन
करते
हुए
सरकार
के
खिलाफ
जमकर
नारेबाजी
की।
वहीं
किसानों
को
कांग्रेस
का
भी
साथ
मिल
रहा
है।
हरियाणा
प्रदेश
कांग्रेस
कमेटी
की
अध्यक्ष
कुमारी
सैलजा
के
मुताबिक
किसानों
के
लिए
मोदी
सरकार
की
नीतियां
गलत
हैं,
जिस
वजह
से
उन्हें
सड़कों
पर
उतरना
पड़
रहा
है।
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