सरकार के इस एक्शन प्लान से पंजाब में खत्म होगा नशा माफियाओं का रैकेट
जालंधर। पंजाब सरकार ने नशा माफियाओं पर नकेल कसने की गरज से पुलिस व माफियाओं के बीच के गठजोड़ पर प्रहार किया है। कार्रवाई करते हुए मोगा के एसएसपी को पद से हटाने के साथ-साथ 130 जिला एसपी भी बदले गए हैं। साथ ही निचले स्तर के दर्जनों पुलिस अफसर व कर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया है। मोगा के एसएसपी की गिरफ्तारी भी की जा सकती है, जिससे पुलिस महकमें में खौफ का महौल है। मोगा के पूर्व एसपी राज जीत सिंह लापता हैं, जिस कारण उनके खिलाफ लुक आउट नोटिस जारी किया गया है। ताकि उन्हें देश के बाहर जाने से रोका जा सके।
बताया जा रहा है कि विजिलेंस ब्यूरो द्वारा दर्ज केस में एसएसपी राज जीत सिंह से पूछताछ किया जाना था। इस मामले में बर्खास्त इंस्पेक्टर इंद्रजीत सिंह के खिलाफ भी मामला दर्ज है। उनपर आरोप है कि लैब स्टाफ की मिलीभगत से कुछ ड्रग्स तस्कर को, जब्त किए गए ड्रग्स के केमिकल एग्जामिनेशन में क्लीन चिट दे दी थी। इंस्पेक्टर इंद्रजीत पर आरोप है कि, उन्होंने लैब स्टाफ जगजीत सिंह से बिना पूछताछ के ही ड्रग्स तस्करों को क्लीन चिट दे दिया। मिली जानकारी के अनुसार एसएसपी राज जीत सिंह भी इस पूरे मामले में शामिल थे। मोगा से ट्रांसफर किए जाने के बाद राज जीत सिंह इस समय कमांडेंट चौथी बटालियन मोहाली में तैनात हैं।
नशे के खात्मे के लिए पंजाब पुलिस ने ग्राउंड जीरो से कार्रवाई का एक्शन प्लान शुरू किया है। इसके अंतर्गत ग्रामीण स्तर से नशे के खिलाफ मुहिम शुरू की जाएगी। डीजीपी सुरेश अरोड़ा ने सभी जिलों के एसएसपी को निर्देश दिया है कि वो अपने जिले के छोटे-बड़े नशा तस्करों की सूची तैयार कर भेजें। उन्होंने कहा है कि जिले के पुराने रिकॉर्ड को खंगालें और पिछले 20 वर्षों का रिकॉर्ड तैयार करें। डीजीपी ने नशा तस्करों पर कार्रवाई करने के लिए गुप्त टीमें बनाने के निर्देश दिए हैं।
यह भी पढ़ें- पंजाब: एक ही परिवार में मिलीं 3 महिलाओं की लाश, मचा हड़कंप
पुलिस महकमें पर कार्रवाई करते हुए बलकलां, जंडियाला, नवापिंड, तानहगढ़, और बटाला चौकियों के इंचारर्ज पर भी चेतावनी दिए गए हैं। साथ ही तीन थाना अजनाला, चाटीपिंड और खलसियां के एसएचओ को अपने कार्यप्रणाली पर ध्यान देने को कहा गया है। ऐसा न करने पर उन्हें सस्पैंड करने की चेतावनी दी गई है।
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्दर सिंह ने कहा कि नशा तस्करों पर नकेल कसने के बाद नशेड़ियों को नशा नहीं मिल पा रहा है। सीएम का कहना है कि पंजाब में मौतें नशे की ओवरडोज़ से नहीं बल्कि नशेड़ियों को मिलावटी नशे के सेवन से अपनी जान गंवानी पड़ रही है। कैप्टन ने पत्रकारों के एक सवाल के जवाब में कहा कि राज्य की मौजूदा स्थिति को देखते हुए, ऐसे कदम उठाने को मजबूर होना पड़ता है।अमरेन्दर सिंह ने कहा कि ड्रग्स तस्करों के खिलाफ सख्ती से कार्रवाई ना करने पर ही पंजाब पुलिस पर शिकंजा कसा जा रहा है।
यह भी पढ़ें- अपनी ही पत्नी का बनाया अश्लील वीडियो, फिर सोशल मीडिया में किया वायरल
कैप्टन ने पुलिसकर्मियों तथा सरकारी मुलाजिमों को डोप टेस्ट कराए जाने के फैसले को सही ठहराया। उन्होंने कहा कि ऐहतियातन ऐसे टेस्ट सेना में भी किया जाता है। उन्होंने जन प्रतिनिधियों तथा राजनेताओं से आग्रह किया है कि वे अपनी अंतर-आत्मा की आवाज़ सुनकर डोप टेस्ट करवाएं।
यह भी पढ़ें- आंतकवाद के खिलाफ मुसलमानों का भड़क उठा गुस्सा, कश्मीर में सेना को खुली छूट देने की उठाई मांग