पंजाब में अब हुक्का बार पर बैन, कानून ला रही है कांग्रेस सरकार
चंडीगढ़। पंजाब सरकार ने हर दो महीने में अस्थायी आदेश जारी करने के बजाय राज्य में हुक्का बार पर स्थायी प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की अध्यक्षता वाली एक बैठक में राज्य मंत्रिमंडल ने सिगरेट और अन्य तम्बाकू उत्पाद (व्यापार और वाणिज्य, उत्पादन, आपूर्ति और वितरण के प्रतिबंध और विनियमन) अधिनियम (सीओटीपीए), 2003 के लिए संशोधन को मंजूरी दी। जिससे तम्बाकू उत्पादों के उपयोग के कारण रोगों की रोकथाम और नियंत्रण लग सके।
समाचार एजेंसी प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया के अनुसार एक अधिकारी ने बताया कि यह कदम हुक्के, हुक्का बार, और युवाओं के बीच विभिन्न रूपों में तम्बाकू के इस्तेमाल को रोकना है। उन्होंने कहा कि संशोधन राज्य में हुक्का बार के चलने पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाएगा। प्रस्तावित संशोधन विधानसभा के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा, और यदि सदन द्वारा पारित किया गया तो वह भारत के राष्ट्रपति के अनुमोदन के लिए भेजा जाएगा।
मौजूदा योजना के अंतर्गत, सीआरपीसी की धारा 144 पूरे देश में हुक्का बर के खिलाफ दो महीने तक लागू की जाती है, जिसके लिए अवधि के अंत में विस्तार की आवश्यकता होती है। जिला प्रशासन द्वारा हर दो महीने में विस्तार आदेश जारी किए जाते हैं।
उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, एक घंटे की औसत हुक्का धूम्रपान में 20-200 पफ होता है, जो 50 लीटर धूम्रपान करता है, जिसमें हानिकारक और कार्सिनोजेनिक रसायनों होते हैं।