शहीद जवानों के परिवारों को 50 लाख देगी पंजाब सरकार, सीएम अमरिंदर सिंह ने की घोषणा
चंडीगढ़। पंजाब सरकार ने सीमा पर शहीद होने वाले जवानों के परिवारों को दी जाने वाली आर्थिक मदद को 10 लाख रुपये से बढ़ाकर 50 लाख रुपये कर दिया है। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने सहायता राशि में बदलाव का ऐलान किया। उन्होंने अपने फेसबुक पेज पर एक वीडियो के माध्यम से कहा कि अब तक शहीद होने वाले जवानों के परिवारों को 10-12 लाख रुपये की सहायता और एक सदस्य को नौकरी दी जाती थी। लेकिन अब इसमें बदलाव की आवश्यकता है।
बता दें लद्दाख की गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ झड़प में 20 जवान शहीद हुए थे, इनमें से 4 जवान पंजाब से थे। दो शहीद जवानों का अंतिम संस्कार सैन्य सम्मान के साथ हो गया है। जबकि दो अन्य शहीदों को आज अंतिम विदाई दी जाएगी। इन जवानों में संगरूर जिले के तोलेवाल गुरबिंदर सिंह, गुरदासपुर के गांव भोजराज के सतनाम सिंह, पटियाला के गांव सील के मनदीप सिंह और मानसा के गुरतेज सिंह शामिल हैं। इनमें गुरबिंदर सिंह की उम्र सबसे कम है।
इनमें शहीद मनदीप और शहीद सतनाम का सैन्य सम्मान के साथ गुरुवार को अंतिम संस्कार हो गया है। जबकि शहीद गुरतेज और गुरबिंदर के पार्थिव शरीर आज पहुंचेंगे। उन्हें सैन्य सम्मान से अंतिम विदाई देने के लिए प्रशासन ने पूरी तैयारी कर ली है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अब समय में काफी बदलाव हो गया है, ऐसे में 10 लाख रुपये की मदद काफी कम है। जिसके चलते पंजाब सरकार ने इसमें बढ़ोतरी करने का फैसला लिया है। अब सीमा पर शहीद होने वाले जवानों के परिवारों को सहायता राशि के तौर पर 50 लाख रुपये दिए जाएंगे। इसके साथ ही परिवार के एक सदस्य के नौकरी और बाकी सभी सुविधाएं पहले की तरह ही लागू रहेंगी।
बता दें सोमवार की रात चीनी सैनिक अचानक हिंसक हो गए थे। हमला उस समय शुरू हुआ जब गलवान घाटी में एक संकरी पहाड़ी पर बैठक चल रही थी। चीनी सैनिकों ने कील लगे डंडों से भारतीय जवानों पर हमला करना शुरू कर दिया। ठीक इसी तरह के हथियार का प्रयोग लद्दाख में 18-19 मई को भी चीनी सैनिकों ने टकराव के दौरान किया था। लद्दाख में हमारे 20 सैनिक शहीद हुए हैं और चीनी सैनिकों ने सारी हदें पार करते हुए हमलों के समय उनके शवों के साथ भी छेड़छाड़ की। हालांकि चीन ने अभी तक आधिकारिक तौर पर नहीं बताया है कि उसके कितने सैनिकों की मौत हुई है। लेकिन सेना के सूत्रों का कहना है कि 40 से अधिक चीनी सैनिक मरे/घायल हुए हैं।