चंडीगढ़ के DSP कैडर को अन्य UT के साथ विलय करने की कोशिशों का कैप्टन अमरिंदर सिंह ने किया विरोध
चंडीगढ़। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने चंडीगढ़ पुलिसे के डीएसपी कैडर का दिल्ली पुलिस समेत अन्य सभी केंद्र शासित प्रदेशों के साथ विलय करने के गृह मंत्रालय के प्रयासों का विरोध किया है। कैप्टन ने कहा है कि पंजाब-हरियाणा के बीच चंडीगढ़ से जुड़ा विवाद निपटारा होने तक यथास्थिति बनाए रखी जाए। अमरिंदर ने कहा कि पंजाब के हितों की रक्षा करने के लिए चंडीगढ़ से संबंधित सभी मामलो से निपटने के लिए सामान्य प्रशासन शाखा में एक स्पेशल सेल स्थापित करने के लिए दिशानिर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि चंडीगढ़ में राज्य की हिस्सेदारी को खत्म करने के लिए कोई कदम पंजाब को स्वीकार्य नहीं है। उन्होंने कहा कि पंजाब और हरियाणा के बीच 60:40 अनुपात में सभी चंडीगढ़ यूटी पदों (केंद्र शासित प्रदेश) का मौजूदा पैटर्न जारी रखा जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि अन्य यूटी के साथ चंडीगढ़ डीएसपी पद को विलय करने के चलते पिछले कुछ वर्षों में बनाए गए बेहतर संयोजन को खत्म हो सकता है। उन्होंने चेतावनी दी है कि इसके नतीजे ठीक नहीं होगे।सीएम ने कहा ऐसा करने से राज्य के अधिकारियों के प्रमोशन के मौके कम हो जाएंगे।
बता दें कि गृह मंत्रालय के इस प्रस्ताव के द्वारा चंडीगढ़ केंद्र शासित प्रदेश में डीएसपी के सभी पदों को दिल्ली और अन्य केंद्रीय शासित प्रदेशों के सामूहिक कैडर में प्रवेश ग्रेड से विलय कर दिया जाएगा, जिससे किसी भी केंद्रीय शासित प्रदेश में तबादले ाय तैनाती की अनुमति मिलेगी। अमरिंदर सिंह ने चंडीगढ़ में पंजाब की हिस्सेदारी को धीरे-धीरे कम करने के प्रयासों पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि पंजाब अपने अहित की अनुमति नहीं देगा।