सीएम अमरिंदर सिंह ने पाकिस्तान के पीएम इमरान को याद दिलाया, 'आपके चाचा मेरे पिता जी की टीम में खेलते थे'
चंडीगढ़। पिछले दिनों भारत और पाकिस्तान के बीच एतिहासिक करतारपुर कॉरिडोर का उद्घाटन हुआ। इस मौके पर पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह भी करतारपुर के दर्शन के लिए जाने वाले जत्थे में शामिल हुए। बस में गुरुद्वारे तक जाते हुए कैप्टन ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को याद दिलाया कि किस तरह से उनके चाचा पटियाला और भारत के लिए खेलते थे और वह भी उनके पिता के नेतृत्व में। नौ नवंबर को भारत और पाकिस्तान के बीच करतारपुर कॉरिडोर का उद्घाटन हुआ है।
इमरान को बताया क्रिकेट कनेक्शन
अमरिंदर सिंह जो हमेशा नीतियों को लेकर पाक पीएम इमरान की आलोचना करते आए हैं, उन्होंने क्रिकेट का जिक्र करके तल्खी को कुछ कम करने की कोशिश की। पांच मिनट के बस के सफर के दौरान अमरिंदर ने इमरान को उनके भारत के साथ कनेक्शन को याद दिलाने की कोशिश की। अमरिंदर ने इमरान को बताया कि जब भारत और पाक का बंटवारा नहीं हुआ था तो उस समय उनके पिता के नेतृत्व में इमरान के चाचा ने क्रिकेट खेला है। जिस वाकये का जिक्र अमरिंदर ने किया वह सन् 1934-35 से जुड़ा हुआ है।
अमरिंदर के पिता थे पटियाला के राजा
पंजाब के मुख्यमंत्री के ऑफिस की ओर से इस बारे में खास जानकारी दी गई है। पंजाब सीएम के ऑफिस की ओर से बताया गया, 'अपनी बातचीत के दौरान कैप्टन अमरिंदर ने इमरान को बताया कि उनके चाचा जहांगीर खान ने पटियाला के लिए क्रिकेट खेला है और उनके साथ मोहम्मद निसार, लाला अमरनाथ, तेज गेंदबाज अमर सिंह और दो अली बैट्समैन वजीर अली और आमिर अली भी पटियाला के लिए खेलते थे।' इसमें आगे कहा गया है, 'यह सात खिलाड़ी उस टीम का हिस्सा थे जिसके कैप्टन, अमरिंदर के पिता महाराजा यदविंदर सिंह थे जो कि सन् 1934 और 1935 तें पटियाला के शासक थे।'
इमरान ने सुनी अमरिेंदर की हर बात
ऑफिस की मानें तो इमरान इस जानकारी को सुनने के बाद काफी खुश थे और उन्होंने हर बात को काफी ध्यान से सुना। पंजाब के सीएम उस पहले जत्थे में शामिले थे जिसमें 550 तीर्थयात्री थे और जिन्होंने उद्घाटन के लिए बॉर्डर पार कर पाकिस्तान में प्रवेश लिया था। इन सभी लोगों का स्वागत पाक पीएम इमरान ने अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर पर बने जीरो प्वाइंट पर किया था।
क्रिकेट की वजह से खत्म हुई तल्खी
ऑफिस की तरफ से जो बयान दिया गया है कि उसके मुताबिक इमरान जो खुद भी पाक क्रिकेट टीम के कैप्टन रह चुके हैं, उन्होंने अपनी बातचीत के केंद्र में करतारपुर कॉरिडोर को ही रखा था। बयान में बताया गया है कि बस का सफर बस पांच मिनट का ही था और यह क्रिकेट ही था जिसकी वजह से दोनों नेताओं की बातचीत शुरू हुई और दोनों सहज हो सके थे।