पंजाब में रूठे हुए कांग्रेसी नवजोत सिंह सिद्धू को मनाएंगे कैप्टन अमरिंदर सिंह, साथ करेंगे लंच
नई दिल्ली। पंजाब की राजनीति में जल्द कोई नया बदलाव देखने को मिल सकता है। ये परिवर्तन पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह और कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू के रिश्ते को लेकर है। बता दें सीएम कैप्टन सिंह और जिनमें पिछले डेढ़ से छत्तीस का आंकड़ा चल रहा था वहीं अब अमरिंदर सिंह ने सिद्धू को बुधवार के दिन लंच पर आमंत्रित किया है।
माना जा रहा है कि अमरिंदर सिंह नवजोत सिंह सिद्धू के साथ राज्य और केंद्र की राजनीति पर विचार विमर्श कर सकते हैं। सिद्धू को लंच पर बुलाए जाने की जानकारी मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार रवीन ठुकराल ने दी। बता दें कि केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीन कृषि कानूनों के खिलाफ पंजाब के किसानों ने मोर्चा खोला है लंबे समय से वो इस कानून के खिलाफ पंजाब में सड़कों और रेल पटरियों पर उतर आए थे। जिसके चलते पंजाब जाने वाली सभी ट्रेनों को बंद कर दिया गया था।
ट्रेन सेवा ठप होने के कारण पंजाब में आपूर्ति सेवा प्रभावित हुई तो राज्य की अर्थव्यवस्था पटरी से उतर गई, इतना ही नहीं प्रदेश की बिजली व्यवस्था भी बदहाल हो गई। वहीं मंगलवार को राज्य सरकार और केंद्र के बीच बातचीत के बाद किसानों ने 15 दिनों के लिए पटरियां खाली कर दीं। किसानों ने चेतावनी दी है कि अगर केन्द्र सरकार के साथ वार्ता असफल होती है तो रेल सेवाएं ठप फिर से कर दी जाएगी। कैप्टन अमरिंदर सिंह के किसानों को दिए गए आश्वासन के बाद रेलवे ने आंशिक रूप से ट्रेने चालू कर दी है।
वहीं केन्द्र सरकार द्वारा लाए गए कृषि के तीन कानूनों के खिलाफ नवजोत सिंह सिद्धू भी कांग्रेस पार्टी के साथ कृषि कानून के खिलाफ आवाज बुलंद की। जुलाई 2019 में पंजाब में अमरिंदर सरकार के गठन के बाद मंत्रालय के बंटवारे को लेकर नवजोत सिंह सिद्धू ने नाराजगी जताई थी, जिसके बाद अमरिंदर सिंह से उनकी दूरियां बढ़ गई थी और फिर सिद्धू ने अमरिंदर कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया था।
जिसके बाद में कांग्रेसी सिद्धू को लेकर कई अफवाहें उड़ती रहीं और कभी कहां गया कि वो कांग्रेस छोड़कर आम आदमी पार्टी में शामिल हो रहे तो कभी कुछ। लेकिन अब राष्ट्रीय कांग्रेस में दो फाड़ हो चुकी हैं, ऐसे में कांग्रेस पंजाब में आगामी चुनाव में अपना ये राज्य गंवाना नहीं चाहती है और पंजाब की राजनीति में किसान वोट प्रदेश की सरकार बनवाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं ऐसे में काग्रेंस कृषि बिल का विरोध रहे किसानों की पैरवी कर अपनी राननीतिक रोटियां सेंक रही हैं।
चूंकि सिद्धू भी इस आंदोलन में कांग्रेसी के तौर पर महत्वपूर्ण भूमिका निभाते आए हैं ऐसे में अमरिंदर सिंह पुरानी सारी शिकवा गिला भुलाकर फिर से सिद्धू से हाथ मिलने की कवायद में जुट चुके हैं। वहीं सिद्धू खामोशी से पंजाब कांग्रेस में बने रहे और अब पंजाब के मुख्यमंत्री ने उन्हें लंच पर बुलाया है तो ये बुधवार को ही पता चलेगा कि इस लंच टेबल पर दोनों कांग्रेसियों के बीच क्या राजनीतिक खिचड़ी पकेगी।
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