पंजाब में कृषि कानूनों के विरोध में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अश्विनी शर्मा की कार पर हुआ हमला
पंजाब में कृषि कानूनों के विरोध में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अश्विनी शर्मा की कार पर हुआ हमला
नई दिल्ली। पंजाब में कृषि कानूनों के विरोध में पिछले कई दिनों से किसानों और विरोधी राजनीतिक पार्टियों का विरोध- प्रदर्शन जारी है। इसी बीच सोमवार को पंजाब के भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अश्विनी शर्मा की कार पर सोमवार की रात हमला किया गया। हमले में अश्विनी शर्मा बाल-बाल बच गए। अश्विनी शर्मा की कार पर ये हमला पठानकोट-जालंधर हाईवे पर हाशियार पुर जिले के टांडा के पास चोलाँग टोल प्लाज़ा पर घटना हुई। बीजेपी अध्यक्ष जालंधर से पठानकोट लौट रहे थे रास्ते में टोल प्लाज़ा पर उनकी कार थी तभी ये हमला हुआ। हमला कार के पीछे से हुआ और कार का पिछले शीशा चकनाचूर हो गया।अश्विनी शर्मा ने दावा किया कि ये हमला पत्थरों और बेस बॉल से किया गया।
जब ये हमला हुआ तब अश्विनी कुमार को उनके सुरक्षाकर्मियों ने बचाया। गाौरतलब है कि जहां ये हमला हुआ वहां टोल प्लाज़ा पर कृषि सुधार क़ानून के विरोध में धरना चल रहा था। अश्विनी शर्मा का आरोप है कि ये हमला कृषि कानूनों का विरोध के तहत किया गया है। हालांकि अभी पुलिस जांच कर रही और पता लगाने का प्रयास कर रही है कि हमलावर कौन था?
भाजपा ने कांग्रेस पर लगाया ये आरोप
पंजाब बीजेपी अध्यक्ष की कार पर हमले के बाद राजनीति गरमा गई है। भाजपा नेताओं ने कांग्रेस पर हमले की साज़िश का आरोप लगाया है। वहीं नेता श्वेत मलिक ने कहा कि पार्टी प्रधान पर हमला किया गया है। कैप्टन सरकार में क़ानून व्यवस्था ख़त्म हो चुकी है। वहीं पंजाब सरकार के ख़िलाफ़ भाजपा नेताओं ने जमकर नारेबाजी भी की। हालांकि प्रदेश के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने हमले की निंदा की और साफ कहा है कि इस हमले में कांग्रेस का कोई हाथ नहीं है। फिलहाल पुलिस अश्वनी शर्मा के बयान के आधार पर हमलावर की खोज कर रही है।
दिल्ली सीएम ने कृषि कानूनों को लेकर अकाली दल पर लगाया ये आरोप
वहीं सोमवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री और AAP पार्टी के सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल ने कृषि कानूनों पर विरोध जताया है और साथ ही कृषि कानून का विरोध कर रही शिरोमणि अकाली दल (SAD) पर निशाना साधा है। AAP ने सोमवार को जंतर-मंतर पर कृषि कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया, जहां मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शिरोमणि अकाली दल (SAD) साधते हुए कहा कि अकाली दल विरोध करने के नाम पर लोगों को '' मूर्ख '' बना रहा है।, जिसने केंद्रीय मंत्रिमंडल का हिस्सा रहते हुए इसे मसौदा बनाने में मदद की।केजरीवाल ने कहा कि ये कानून किसानों को बैकस्टैबिंग करने के लिए है। उन्होंने कहा कि कुछ बड़ी निजी कंपनियां किसानों की लागत पर इसका लाभ प्राप्त करेंगी। संसद के दोनों सदनों में पारित तीन विधेयकों के एक सेट के माध्यम से लागू की गई नई नीति को वापस लेने की मांग करते हुए, केजरीवाल ने कहा, एमएसपी की लंबी पैदल यात्रा पर एमएस स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट को लागू करने का वादा करने वाली भाजपा ने "पूरी तरह से समाप्त" कर दिया है।
केजरीवाल ने कृषि कानूनों का किया विरोध, शिरोमणि अकाली दल पर लगाया ये आरोप