पंजाब में दिल्ली की तरह सबको चौंकाने जा रही है आम आदमी पार्टी, बड़े चुनाव विश्लेषक का आंकलन
प्रणय रॉय ने कहा कि उन्होंने जो भी विश्लेषण किया है उसमें आम आदमी पार्टी के पंजाब विधानसभा में जीत 55 से 60 फीसदी ज्यादा अवसर हैं।
नई दिल्ली। पंजाब में चुनावी शोर थम चुका है, यहां 4 फरवरी को लोगों ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया। अब सभी को 11 मार्च का इंतजार है जब चुनाव के नतीजे सामने आएंगे। इस बीच आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भावुक संदेश जारी करते हुए कहा कि उनकी पार्टी ही पंजाब में जीतेगी। हालांकि कई ओपिनियन पोल ने पंजाब में त्रिशंकु विधानसभा की भविष्यवाणी की है। इस बीच एनडीटीवी के प्रणय रॉय ने कहा है कि पंजाब में आम आदमी पार्टी की जीत की संभावनाएं ज्यादा हैं।
पंजाब में 4 फरवरी को हो चुका है मतदान
प्रणय रॉय ने कहा कि उन्होंने जो भी विश्लेषण किया है उसमें आम आदमी पार्टी के पंजाब विधानसभा में जीत 55 से 60 फीसदी ज्यादा अवसर हैं। उन्होंने पंजाब दौरे के दौरान पूरे प्रदेश में सैकड़ों लोगों से बात की है, जिसके बाद वो इस नतीजे पर पहुंचे कि इस बार आम आदमी पार्टी के जीत की ज्यादा उम्मीदें हैं।
क्या पंजाब में कमाल करेगी आम आदमी पार्टी?
प्रणय रॉय ने इससे पहले पूर्वानुमान में कहा था कि कांग्रेस के पास पंजाब में जीत का अच्छा मौका है। अब जबकि उन्होंने पूरे प्रदेश का दौरा किया और लोगों से बात की है उसके बाद उनका अनुमान बदल गया है। उनके मुताबिक पंजाब में आम आदमी पार्टी की जीत के 55-60 फीसदी ज्यादा उम्मीद है। प्रणय रॉय ने बताया कि उन्होंने शुरुआत में सामने आए ओपिनियन पोल को देखते हुए उम्मीद जताई थी कि कांग्रेस के लिए अच्छा मौका है लेकिन जब उन्होंने स्थानीय लोगों से बात की तो उनकी धारणा बदल गई है।
पंजाब में कांग्रेस, अकाली दल-बीजेपी और आम आदमी पार्टी में मुकाबला
प्रणय रॉय के मुताबिक कांग्रेस की जीत की संभावनाएं 20 से 35 फीसदी के आस-पास है। जबकि अकाली दल-बीजेपी गठबंधन के जीत की उम्मीद उन्होंने 5 से 10 फीसदी ही जताई है। प्रणय रॉय के मुताबिक प्रदेश में सबसे बड़ा मुद्दा बेरोजगारी का है, इसके साथ-साथ कई और मुद्दे हैं जिससे लोग परेशान हैं। प्रणय रॉय के मुताबिक लोगों से बातचीत में उन्होंने कहा कि अकाली दल और कांग्रेस दोनों ही दलों की सरकार को उन्होंने देख लिया है, अब वो किसी नए को मौका देना चाहते हैं।
पंजाब में AAP की जीत के 55-60 फीसदी ज्यादा उम्मीद: प्रणय रॉय
प्रणय रॉय ने बताया कि बेरोजगारी के साथ-साथ नशे का मुद्दा भी यहां अहम है। अकाली दल दस साल से सत्ता में है लेकिन इसकी लोकप्रियता में गिरावट के पीछे कहीं न कहीं वंशवाद को अहम माना जा रहा है। इसके राजनीतिक पार्टी से वंशवादिय पार्टी बनना इसके नुकसान की वजह हो सकती है। प्रणय रॉय के मुताबिक आम आदमी पार्टी हिंदू बहुल इलाकों में कमजोर नजर आ रही है और सिख इलाकों में मजबूत दिख रही है। पार्टी ने पूर्वी मालवा इलाकों में अपनी पैठ बनाई है।
11 मार्च को आएंगे नतीजे
2014 के लोकसभा चुनाव में सिख सीटों पर आम आदमी पार्टी के समर्थन में 27 फीसदी वोट पड़े थे, जबकि हिंदू सीटों पर 19 फीसदी वोट पड़े थे। 2014 के आंकड़ों को देखें तो आम आदमी पार्टी दक्षिण पूर्व में ज्यादा मजबूत थी जबकि अकाली दल पश्चिम में। बीजेपी उत्तर में ज्यादा मजबूत है वहीं कांग्रेस दक्षिण पूर्व और दक्षिण पश्चिम इलाके में आगे दिखाई दे रही है।