पंजाब ने फिर तेजी से पकड़ी तरक्की की रफ्तार, मुख्यमंत्री अमरिंदर ने जगा दी उम्मीद
नई दिल्ली- तीन साल पहले पंजाब में जब कैप्टन अमरिंदर सिंह की अगुवाई में कांग्रेस ने सरकार बनाई थी तो देशभर में पंजाब की एक ही छवि दिखाई देती थी। नशे की गिरफ्त में फंसा बेबस पंजाब। लेकिन, बीते तीन साल में पंजाब की छवि बदल चुकी है। कैप्टन सरकार ने नशे के मोर्चे पर तो काम किया है, हाल में कई ऐसी सुधारों का ऐलान किया है जो पंजाब को फिर से तरक्की की राह पर तेजी से तो आगे ले ही जा रहा है, प्रदेश का भविष्य भी संवरता नजर आने लगा है।
भविष्य के पंजाब के लिए कैप्टन अमरिंदर सिंह की सरकार का नजरिया क्या है, उसकी झलक इस साल के बजट में भी साफ दिखाई दे गई है। इसका सबसे बेहतर उदाहरण ये है कि यहां 12वीं तक की शिक्षा सबके लिए मुफ्त कर दी गई है। प्राइमरी के बच्चों को ट्रांसपोर्टेशन की सुविधा भी भविष्य की सोच की ही एक बानगी है।
कैप्टन सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के रिटायरमेंट की उम्र 60 से घटाकर 58 वर्ष कर दिया गया है। इस फैसले से जितने कर्मचारी रिटायर होंगे, उनकी जगह तीन से चार गुना ज्यादा युवाओं को सरकारी नौकरियां मिलेंगी। यानि दफ्तरों में काम करने वाली युवाओं की फौज तैयार होगी, जिससे राज्य की उत्पादकता बढ़ेगी। वहीं युवाशक्ति को डिजिटल दुनिया से जोड़ने के लिए 10 लाख स्मार्टफोन मुफ्त में देने की योजना भी एक बहुत बड़ी पहल है।
इसके अलावा भूमिहीन किसानों की कर्जमाफी और सब्जियों पर लगने वाली 'मंडी' फीस को 4 से घटाकर 1 फीसदी करने जैसे कदम गरीब किसानों को ताकत देने वाली घोषणाएं हैं। सरकार अगर किसानों का हित देख रही है तो वह उद्योगों पर भी ध्यान दे रही है। नगर निगमों के बाहरी इलाकों में लगने वाले नए उद्योगों के लिए दो साल तक लैंड यूज शुल्क से छूट उसी दिशा में उठाया गया कदम है।
हाल ही में पंजाब स्टेट एडवाइजरी काउंसिल की बैठक में सीएम ने उसे कृषि आधारित अर्थव्यवस्था के मद्देनजर फोकस करने को कहा है। उन्होंने दवाई उद्योग, आईटी और ऑटोमोबाइल सेक्टर में निवेश बढ़ाने की रणनीति पर काम करने को भी कहा है। जबकि, राज्य सरकार आज प्रदेश में नशा माफिया की कमर तोड़ने का भी दावा कर रही है।