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रेलवे चीफ के घर नहीं भेजा टॉयलेट पेपर, चली गई नौकरी

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नयी दिल्ली। सरकारी दफ्तरों में सीनियर अधिकारियों को अपने मताहत काम करने वाले अधिकारियों को परेशान करने की खबरें तो आपने कई बार सुनी होंगी, लेकिन रेलवे में एक ऐसा मामला सामने आया है जिसके बाद आपको विश्वास हो जाएगा कि अपने सीनियर की बात ना मानना आपके लिए कितना नुकसान दायक हो सकता है।

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दरअसल रेलवे बोर्ड के चेयरमैन के बंगले पर टॉयलेट पेपर रोल नहीं पहुंचाने पर निदेशक स्तर के एक अधिकारी को उनके पद से हटा दिया गया है। सुनकर चौक गए ना आप। इंडियन एक्सप्रेस में छपी रिपोर्ट के मुताबिक रेलवे में निदेशक स्तर पर तैनात अजय सिंह ने बोर्ड के चेयरमैन के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है।
अजय सिंह ने अपनी लिखित शिकायत में आरोप लगाया है कि उन्होंने रेलवे बोर्ड के चेयरमैन के घर टॉयलेट पेपर नहीं भिजवाया और फिर बाद में उनकी पत्नी से मिलने नहीं गए तो उन्हें परेशान करने के लिए ट्रेनिंग में भेज दिया गया।

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उन्होंने आरोप लगाया कि उन्हें परेशान करने केलिए उनके पद पर दूसरे अधिकारी की पोस्टिंग कर दी गई। आरोप के मुताबिक 9 अगस्त को रेलवे बोर्ड चेयरमैन के प्रोटोकॉल ऑफिसर साई ने अजय सिंह को फोन कर कहा कि सीआरबी सर के बच्चे आए हुए हैं। फोन पर उन्हें सीआरबी सर के घर टॉयलेट पेपर भिजवाने को कहा गया।

लेकिन जब अजय सिंह ने इस काम के लिए मना कर दिया तो चेयरमैन रेलवे बोर्ड की पत्नी का फोन कर धमकाते हुए कहा कि आप टॉयलेट पेपर रोल क्यों नहीं भेजेंगे। अजय सिंह के एक बार फिर मना करने पर सीआरबी की पत्नी ने कहा कि वह चीफ मैकेनिकल इंजीनियर से बात करेंगी।

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अजय ने इस बात से निराश होकर अपने बॉस से बात की। उन्होंने चीफ मैकेनिकल इंजीनियर ने भी उन्हें कहा कि वो टॉयलेट पेपर रोल बंगले पर भिजवा दे। अजय ने उन्हें साफ-साफ मना कर दिया। उनके मना करने पर बॉस ने उन्हें देख लेने की धमकी दी। जब अजय बॉस से मिलने दफ्तर पहुंचे तो उन्हें बताया गया कि सीआरबी मैडम ने उनकी शिकायत की है। उन्हें मैडम से मिलकर माफी मांगने को कहा गया, लेकिन अजय अपने सम्मान को लेकर अडिग रहें और वहां नहीं गए।

इसके बाद 26 अगस्त को डिवीजनल मैकेनिकल इंजीनियर को-ऑर्डिनेशन अजय सिंह को 5 हफ्ते की ट्रेनिंग पर भेज दिया गया और इसी बीच 12 सितंबर को अजय सिंह की पोस्ट पर एसएस अहलुवालिया की पोस्टिंग का आदेश निकाल दिया गया। इन सबके बीच हैरान करने वाली बात ये है कि जिस टॉयलेट पेपर रोल की वजह से बवाल मचा वह रेलवे यानी सरकारी था। इस सरकारी सामान का घर या निजी इस्तेमाल नहीं हो सकता।

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English summary
A mid-level official of the Railways claims he has been censured for poor performance and shunted to an irrelevant training course in unexplained haste for his refusal to supply toilet paper rolls to the residence of Railway Board chairman, Arunendra Kumar.
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