पुणे की झुग्गियों में लगी भीषण आग, सैकड़ों परिवार के सपने जलकर हुए खाक
पुणे। पुणे के मार्केटयार्ड इलाके के आंबेडकरनगर में आज सुबह 9.30 बजे के करीब आग लगने की घटना घटी। इस आग ने देखते ही देखते इतना रौद्र रूप धारण कर लिया था कि आग की चपेट में 60 से 70 झोपड़ियों जलकर खाक हो गई। झोपड़ियों के खाक होने से लोगों के सपने भी इस आग में पूरी तरह से भस्म हो गए। काफी अथक प्रयासों के बाद आग पर काबू तो पा लिया गया, लेकिन लोगों के आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे थे। लोग चीख-चीखकर रो रहे थे, उनका सब कुछ उजड़ गया और बर्बाद हो गया। झोपड़ियों में लगी आग तो बुझ गई पर इस घटना में कुछ लोगों का सबकुछ तबाह हो गया।
बेटी
की
शादी
के
लिए
इकट्ठा
किया
था
दहेज
इस
आग
में
ऐसे
बहुत
से
घर
थे
जिनके
घर
में
बेटे
और
बेटियों
का
शादी
का
माहौल
था।
एक
एक
पैसा
जमाकर
परिवार
अपने
बच्चों
की
शादी
धूमधाम
से
करना
चाहते
थे।
झोपड़
पट्टी
में
रहने
वाली
शेख
परिवार
की
महिला
ने
बताया
कि
मेरी
बेटी
की
शादी
चार
दिन
बाद
ही
है।
मैंने
बीसी
में
जमा
किए
हुए
पैसों
को
कल
ही
घर
में
लाकर
रखा
था।
शादी
को
चार
दिन
ही
बचे
थे
इसलिए
एक
से
डेढ़
लाख
रूपए
लाकर
घर
में
रखा
था।
पर
आज
सुबह
जब
आंख
खुली
तो
भगदड़
मचा
हुआ
माहौल
पाया
गया।
सब
जोर
जोर
से
चिल्ला
रहे
थे
घर
से
बाहर
भागों
आग
लग
गई
है।
मैं
भी
घर
से
बाहर
अपने
परिवारवालों
के
साथ
जैसे
तैसे
भागी,
लेकिन
जब
आग
शांत
हुई
तो
हमारे
दिलों
में
आग
लग
गई।
पूरा
घर
जलकर
खाक
हो
चुका
था।
मेरी
झोपड़ी
पूरी
तरह
से
जल
गया
था
और
पैसे
भी
राख
हो
चुके
थे।
अब
मेरी
बेटी
की
शादी
कैसे
होगी।
भाई की शादी के लिए जमा किए पैसे जलकर खाक
इस बस्ती में रहनेवाले रमेश सक्सेना ने बताया कि मैंने मेरे भाई की शादी के लिए पैसा जमा किया था और दो दिन बाद हम ट्रेन से यूपी जाने वाले थे। सुबह सुबह नींद में मैंने भागो-भागो की आवाज सुनी और हम दोनों भाई अपनी जान बचाने के लिए बाहर भागे। आग बुझने के बाद घर आकर देखा तो पूरा घर राख हो चुका था। घर पर भाई की शादी के लिए जो कैश लाकर रखा था, वो भी पूरा जल गया। अब मैं अपने घरवालों को क्या मुंह दिखाऊंगा, भाई की शादी का खर्च पूरे मेरी जिम्मेदारी पर था। युपी से मैं पुणे सिर्फ कमाई के लिए आया था, पर मेरी पूरी कमाई तो आग में स्वाहा हो गई।
जलने से बाल-बाल बची बच्ची
इस बस्ती में एक पालना घर भी है, जो यहां घर काम करने वाली महिलाओं के बच्चों को संभालता है। जब महिलाएं काम पर चली जाती है तो अपने बच्चों को महिलाएं पालना घर में छोड़कर चली जाती है, लेकिन जब आग लगी तो इतनी भगदड़ मची कि सभी पालना घर से छोटे-छोटे बच्चों को बाहर लेकर भाग गए, लेकिन तीन महीने की नन्हीं बच्ची पर किसी का ध्यान नहीं गया, जो पालने पर सो रही थी। अचानक से एक महिला को ध्यान में आया कि एक नन्हीं बच्ची पालने पर सोयी हुई है, तुरंत उसके बचाने के लिए बाकी लोग अंदर दाखिल हुए और बच्ची को बचाया। इस घटना में बच्ची मामूली रूप से जली है, उसे इलाज के लिए हॉस्पिटल में भर्ती किया गया है।
कैसे
मची
अफरातफरी
आंबेडकरनगर
स्थित
बस्ती
में
अचानक
आग
लगने
की
वजह
से
चार
सिलेंडर
फटने
की
घटना
घटी,
जिसकी
वजह
से
आग
ने
रौद्र
रूप
धारण
कर
लिया
था।
यह
आग
और
न
भड़के
इसलिए
लोग
अपने
घर
से
सिलेंडर
लेकर
भागते
हुए
नजर
आए।
लोगों
ने
यही
कोशिश
की
कि
घरों
से
सिलेंडर
लेकर
बाहर
जाना
चाहिए,
ताकी
और
सिलेंडर
न
फटे।
आग
इतनी
बुरी
तरह
से
फैल
चुकी
थी
कि
जिसे
जहां
से
जगह
मिली
लोग
वहां
से
अपनी
जान
बचाकर
भाग
रहे
थे।
इस
आग
को
बुझाने
के
लिए
फायर
ब्रिगेड
की
गाड़ी
आधे
घंटे
के
बाद
पहुंची,
तब
तक
आग
काफी
भीषण
रूप
से
फैल
चुकी
थी।
घटनास्थल
पर
फायर
ब्रिगेड
की
12
से
ज्यादा
गाड़िया,
एम्बूलेंस,
पानी
टैंकर
दाखिल
हुआ।
पुलिस
के
कड़े
बंदोबस्त
में
यह
आग
बुझाने
का
कार्य
किया
गया।
कुछ
समय
के
लिए
मैन
रोड
बंद
कर
दिया
गया
था
ताकि
रास्ता
का
आवाजाही
बंद
कर
दी
जाए
और
फायर
ब्रिगेड
और
पुलिस
की
गाड़ी
को
आने
के
लिए
रास्ता
मिल
जाए।
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