आतंकवाद से निपटने में मोदी आज भी सबसे सक्षम नेता, सर्वे में हुआ खुलासा
नरेंद्र मोदी या राहुल गांधी, आतंक से निपटने में कौन ज्यादा बेहतर नेता है, इसे लेकर एक बड़ा सर्वे सामने आया है।
नई दिल्ली। पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद भारत अब पाकिस्तान को वैश्विक तौर पर अलग-थलग करने की कोशिश में जुट गया है। भारत की इस कोशिश में आतंक के खिलाफ कड़ी कार्रवाई को लेकर कई देश उसके समर्थन में आकर खड़े हो गए हैं। भारत ने अपने स्तर से भी पाकिस्तान के खिलाफ कड़े कदम उठाते हुए हमले के बाद ना केवल उससे मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा छीन लिया, बल्कि पाकिस्तान पर आयात शुल्क भी 200 फीसदी तक बढ़ा दिया है। हालांकि, हमले से गुस्साए लोगों का कहना है कि भारत अब पाकिस्तान को जंग के मैदान में ठीक से ही सबक सिखाए। इस बीच एक ऐसा सर्वे सामने आया है, जिसमें खुलासा हुआ है कि कितने फीसदी लोग पाकिस्तान के साथ युद्ध के पक्ष में हैं और आतंक के खिलाफ भारत का कौन सा नेता ज्यादा बेहतर लड़ाई लड़ सकता है।
आतंक के खिलाफ कौन ज्यादा सक्षम?
इंडिया टुडे के पॉलिटिकल स्टॉक एक्सचेंज के तहत किए गए सर्वे के मुताबिक, अधिकांश भारतीयों का मानना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आतंकवाद से निपटने के लिए सबसे सक्षम नेता हैं। पुलवाला आतंकी हमले के बाद देश के 29 राज्यों में यह सर्वे किया गया। सर्वे में हिस्सा लेने वाले 49 फीसदी लोगों ने आतंक के खिलाफ भारत की लड़ाई का नेतृत्व करने में नरेंद्र मोदी को सबसे पसंदीदा नेता के तौर पर चुना। वहीं, महज 15 फीसदी लोगों का मानना है कि राहुल गांधी आतंक से निपटने में ज्यादा सक्षम नेता हैं। इनके अलावा पूर्व पीएम मनमोहन सिंह को 3 फीसदी लोगों ने अपनी पसंद बताया है। यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी, बसपा सुप्रीमो मायावती और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव को महज 1 फीसदी लोगों ने ही चुना।
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पाकिस्तान को कैसे दिया जाए जवाब?
सर्वे के अंतर्गत भारत की पाकिस्तान और कश्मीर नीति को लेकर भी सवाल पूछे गए। इस दौरान सर्वे में हिस्सा लेने वाले 47 फीसदी लोगों ने माना कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार की पाकिस्तान और कश्मीर नीति पिछली यूपीए सरकार से ज्यादा बेहतर है। कांग्रेस के नेतृत्व वाली पिछली यूपीए सरकार को 22 फीसदी और वाजपेयी सरकार को 12 फीसदी लोगों ने अपनी पसंद बताया। सर्वे के दौरान पूछा गया कि पुलवामा आतंकी हमले का बदला लेने के लिए भारत की प्रतिक्रिया क्या होनी चाहिए? इसपर सर्वे में शामिल 36 फीसदी लोगों ने माना कि पाकिस्तान को बड़े हमले के साथ युद्ध के मैदान में ही जवाब देना चाहिए। वहीं, 23 फीसदी लोगों को मानना है कि भारत फिर से सर्जिकल स्ट्राइक के जरिए पाकिस्तान को जवाब दे। सर्वे में 18 फीसदी लोगों ने कहा कि भारत को जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर के खात्मा वैसे ही करना चाहिए, जैसे अमेरिका ने लादेन का किया। 15 फीसदी लोगों ने माना कि पाकिस्तान को कूटनीतिक और आर्थिक तौर पर अलग-थलग किया जाए।
आतंकी हमले के पीछे किसका हाथ?
सर्वे में शामिल लोगों से पूछा गया कि 14 फरवरी को सीआरपीएफ के काफिले पर हुए आतंकी हमले के पीछे वो किसका हाथ मानते है? इस सवाल के जवाब में 30 फीसदी से ज्यादा लोगों ने माना कि हमले के पीछे पाकिस्तानी सेना और खुफिया एजेंसी आईएसआई का हाथ है। वहीं, पुलवामा हमले की जिम्मेदारी लेने वाले आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद को 13 फीसदी लोगों हमला का मुख्य साजिशकर्ता बताया। 19 फीसदी लोगों ने पुलवामा हमले के लिए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को जिम्मेदार ठहराया। सर्वे में 25 फीसदी लोगों ने माना कि पुलवामा के आतंकी हमले में जैश-ए-मोहम्मद, आईएसआई, पाकिस्तान की सेना और प्रधानमंत्री इमरान खान सभी जिम्मेदार हैं। सर्वे के दौरान यह भी पूछा गया कि 2016 में हुई सर्जिकल स्ट्राइक से क्या असर पड़ा है? इसपर 58 फीसदी लोगों ने माना कि सर्जिकल स्ट्राइक के बाद पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद से निपटने में सफलता मिली है, जबकि 25 फीसदी लोगों ने इससे असहमति जताई।
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