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पुलवामा हमला: हमलावर आदिल के पिता को नहीं मालूम था बेटा बन गया आतंकी

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Pulwama IED हमले में शामिल Adil Ahmad Dar के पिता का बड़ा खुलासा, WATCH VIDEO | वनइंडिया हिंदी

पुलवामा। दक्षिण कश्‍मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले को 24 घंटे हो चुके हैं लेकिन दर्द कम होने का नाम नहीं ले रहा है। पिछले दो दशकों बाद घाटी में इतना बड़ा आतंकी हमला देखा गया है। गुरुवार को दोपहर करीब 3:30 बजे दक्षिण कश्‍मीर के पुलवामा से अचानक सीआरपीएफ कॉन्‍वॉय पर आतंकी हमले की खबर आई। पहले लोगों को लगा कि शायद कोई मुठभेड़ है लेकिन कुछ ही मिनटों बाद साफ हो गया कि हमला दशकों बाद घाटी में हुआ एक खतरनाक आतंकी हमला था जिसे 22 वर्ष के जैश-ए-मोहम्‍मद आतंकी आदिल अहमद डार उर्फ वकास ने अंजाम दिया था। लेकिन आदिल के पिता या उसके घर वालों को इस बात की खबर ही नहीं थी कि वह आतंकी संगठन से जुड़ गया है।

पिता ने बताया स्‍कूल जाने वाला बच्‍चा

पिता ने बताया स्‍कूल जाने वाला बच्‍चा

आदिल 350 किलोग्राम विस्‍फोटक से भरी एक एसयूवी लेकर सीआरपीएफ जवानों से भरी बस से जाकर भिड़ गया और देखते ही देखते करीब 40 जवान शहीद हो गए। आदिल एक स्‍कूल ड्रॉपआउट था और किसी को यकीन नहीं हो रहा है कि एक मासूम से चेहरे वाला आदिल इतना घिनौना काम भी कर सकता है। आदिल के पिता गुलाम हसन डार की मानें तो उन्‍हें उसके आ‍तंकी बनने की जानकारी तब मिली जब उसने बंदूक उठा ली थी। आदिल के पिता के मुताबिक वह एक स्‍कूल जाने वाला बच्‍चा था। वह आतंकी बन सकता है इस बारे में उन्‍हें कभी पता ही नहीं चल पाया।

अचानक गायब हुआ था आदिल

अचानक गायब हुआ था आदिल

12वीं तक गुंडीबाग के लोकल स्‍कूल में पढ़ाई करने के बाद आदिल ने मार्च 2017 में स्‍कूल छोड़ दिया था। यह गांव उस जगह से बस 10 किलोमीटर ही दूर है जहां पर हमला हुआ था। पुलिस रिकॉर्ड्स के मुताबिक डार, घाटी में कैटेगरी सी का आतंकी था और उसने साल 2018 में संगठन ज्‍वॉइन किया था। मार्च 2019 में आदिल अचानक एक दिन गायब हो गया और फिर उसका कुछ पता नहीं चला। पुलिस अधिकारियों की मानें तो आदिल एक दुकान में काम करता था। यहां पर वह लकड़ी डिब्‍बे बनाने का काम करता था।

 लंच के लिए आया घर और फिर नहीं लौटा

लंच के लिए आया घर और फिर नहीं लौटा

ऑफिसर्स के मुताबिक वह एक रूढ़‍िवादी मुस्लिम नहीं था। कभी प्रार्थन या फिर नमाज नियमित तौर पर नहीं पढ़ता था। उस दिन आदिल अपने घर लंच करने आया था और फिर काम पर वापस लौट गया। इसके बाद वह कभी घर नहीं लौटा। पुलिस रिकॉर्ड्स के मुताबिक आदिल कहां था कोई नहीं जानता था। उसका फोन स्विच ऑफ था। 23 मार्च 2018 उसके लापता होने की रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। गांववालों की मानें तो स्‍कूल से ड्रॉपआउट डार का चचेरा भाई भी एक आतंकी था और एक एनकाउंटर में मारा गया था। जैसे ही सुसाइड अटैक की खबर आई गुंडीबाग में डार के अंतिम संस्‍कार की तैयारियां होने लगीं। गांववालों ने अधिकारियों को भी जगह पर नहीं जाने दिया। डार, जैश में भर्ती हुआ तीसरा फिदायीन था।

कौन था घाटी का पहला सुसाइड बॉम्‍बर

कौन था घाटी का पहला सुसाइड बॉम्‍बर

डार से पहले त्राल के 16 वर्ष के फरदीन अहमद खान को जैश ने शामिल किया था। उसे 31 दिसंबर 2017 को एनकाउंटर में तीन आतंकियों के साथ सुरक्षाबलों ने ढेर कर दिया था। फरदीन ने पुलवामा स्थित सीआरपीएफ के ट्रेनिंग कैंप में दाखिल होने की कोशिश की थी। उस हमले में पांच जवान शहीद हो गए थे । इसके बाद अफाक अहमद शाह जो 17 वर्ष का था वह घाटी का पहला लोकल फिदायीन था। उसने साल 2000 में श्रीनगर स्थित 15वीं कोर के हेडक्‍वार्टर्स के सामने खुद को उड़ा लिया था। उस हमले में आठ जवान शहीद हो गए थे। वह भी जैश-ए-मोहम्‍मद से जुड़ा था।

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English summary
Pulwama attack: what the father of suicide attacker Adil Ahmad Dar has to say.
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