पुलवामा हमला: अभी टला नहीं है खतरा, दक्षिण कश्मीर में ही छिपा है मास्टरमाइंड
पुलवामा। जम्मू कश्मीर के पुलवामा में हुए हमले को 22 वर्ष के जैश-ए-मोहम्मद आतंकी आदिल अहमद डार ने अंजाम दिया था। लेकिन डार को इस हमले के लिए जो ट्रेनिंग मिली उसके पीछे पाकिस्तान में बैठे जैश के एक आतंकी का दिमाग था। डार ने 14 फरवरी को हुए आतंकी हमले में सीआरपीएफ के 40 जवानों की जान ले ली। हमले का मास्टरमाइंड डार नहीं बल्कि पाकिस्तान का जैश आतंकी गाजी अब्दुल राशिद है। । गाजी ने ही डार को हमले के लिए ट्रेनिंग दी और उसे आईईडी में एक्सपर्ट बनाया। यह भी पढ़ें-पुलवामा हमला: पाकिस्तान में अमेरिकी राजदूत ने दी बड़ी चेतावनी
कौन है गाजी राशिद
सुरक्षा एजेंसियों की मानें तो गाजी एक आईईडी एक्सपर्ट है और उसने ही इस पूरे हमले को अंजाम तक पहुंचाया था। गाजी राशिद पिछले वर्ष दिसंबर माह के मध्य में कश्मीर में दाखिल हुआ था। गाजी को जैश के सरगना मौलाना मसूद अजहर ने अपने दो भांजों की मौत का बदला लेने के लिए भेजा था। मसूद अजहर के भांजे तल्हा राशिद और और उस्मान साल 2017 और 2018 में एक एनकाउंटर में मारे गए थे। दोनों को पुलवामा में ही हुए एनकाउंटर में सुरक्षा एजेंसियों ने ढेर कर दिया था। इसके बाद गाजी ने पुलवामा में ही अजहर के भांजों की मौत का बदला लेने का फैसला किया।
अफगानिस्तान में तालिबान से मिली ट्रेनिंग
उस्मान, जैश का स्नाइपर था और दिसंबर में उसे त्राल में हुए एनकाउंटर में मारा गया था। गाजी जैश का टॉप कमांडर था। इंटेलीजेंस सूत्रों की मानें तो गाजी राशिद पुलवामा के रात्नीपोरा में गांव में 12 फरवरी को हुए एक एनकाउंटर में बच निकला था। उस एनकाउंटर में जैश का एक लोकल आतंकी मारा गया था लेकिन तीन आतंकी भाग निकलने में कामयाब हो रहे थे। सेना के जवान एचवी बलजीत भी इसी एनकाउंटर में शहीद हो गए थे। गाजी, मसूद अजहर का सबसे खास है और अजहर उस पर काफी भरोसा करता है। साल 2008 में गाजी जैश का हिस्सा बना था। 32 वर्ष के गाजी को तालिबान ने अफगानिस्तान में ट्रेनिंग दी थी।
गाजी की तलाश जारी
साल 2010 में गाजी पाकिस्तान के नॉर्थ वजीरिस्तान वापस लौट आया और यहां पर पीओके में जैश के रिक्रूटर के तौर पर काम करने लगा। गाजी राशिद, भारत में होने वाले जैश के हर ऑपरेशन को कमांड कर रहा था और माना जा रहा है कि वह अभी साउथ कश्मीर में ही कहीं छुपा हुआ है। जैश ने पिछले कुछ वर्षों में साउथ कश्मीर में अपना एक मजबूत गढ़ तैयार कर लिया है। यहां पर लोकल रिक्रूटर्स जैश के लिए काम करते हैं। सुरक्षाबल फिलहाल गाजी राशिद की तलाश में लगे हैं और उसका नेटवर्क खत्म करने की कोशिशें कर रहे हैं।