जम्मू कश्मीर के प्रतिबंधित इलाकों में जाने वाले फॉरेन जर्नलिस्ट की भारत में नो एंट्री
नई दिल्ली। पुलित्जर पुरस्कार विजेता और न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के एक जर्नलिस्ट की भारत में एंट्री पर रोक लगा दी गई है। गृह मंत्रालय ने कहा कि सभी विदेशी नागरिकों को भारत के कानून का पालन करना होगा और जो भी इसका उल्लंघन करते हुए पाया गया तो उन्हें सजा मिलेगी। रॉयटर्स जर्नलिस्ट कैथल मैकनॉटन के खिलाफ वीजा पॉलिसी के नियमों का उल्लंघन करने का आरोप लगा है। भारत में रॉयटर्स ऑफिस के चीफ फोटोग्राफर को नई दिल्ली एयरपोर्ट से हाल ही में उन्हें वापस भेज दिया गया था।
न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, जर्नलिस्ट पर परमानेंट बैन नहीं लगा है, लेकिन उनके वीजा रिव्यू में छह से एक साल तक का वक्त लग सकता है। मैकनॉटन पर आरोप है कि उन्होंने हाल ही में भारत में रहते जम्मू कश्मीर के प्रतिबंधित इलाके में बगैर अनुमति के ही यात्रा की थी। यहां तक उन्होंने बिना इजाजत के ही वहां से रिपोर्टिंग की थी।
इस साल मई 2018 के पुलित्जर पुरस्कार विजेता और आयरिश जर्नलिस्ट मैकनॉट के खिलाफ ट्रैवल बैन लगाते हुए गृह मंत्रालय ने कहा, 'सभी को कानून का पालन करना पड़ेगा। नियमों का उल्लंघन करने पर सभी समान कार्रवाई होती है। विदेशी नागरिकों का भारतीय कानून का सम्मान करना चाहिए। अगर कोई भारतीय किसी दूसरे देश में जाकर वहां के नियमों का उल्लंघन करते हैं तो उन्हें भी तो सजा भुगतनी पड़ती है।'
अधिकारी ने कहा, 'वह कुछ अवॉर्ड भले ही जीत चुके होंगे, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि वे उन्हें कानून तोड़ने की इजाजत मिले। विदेश मंत्रालय लगातार विदेशी जर्नलिस्ट्स को भारतीय नियम और शर्तों को लेकर आगाह करता रहता है। और कुछ जगहों पर उन्हें अनुमति लेने की जरुरत होती है। लेकिन, अगर नियम-कानून तोड़ेंगे तो हमें कार्रवाई करने के लिए बाध्य होना पड़ेगा।'
बता दें कि भारत में कई विदेशी जर्नलिस्ट्स काम करते हैं, लेकिन देश की कुछ संवेदनशील जगहों (जम्मू कश्मीर और नॉर्थ ईस्ट) पर जाने के लिए भारत के विदेश मंत्रालय से स्पेशल परमिट के लिए एप्लाय करना होता है।