Puducherry Assembly Election 2021:पुडुचेरी में 6 अप्रैल को होगा विधानसभा चुनाव, 2 मई को मतगणना
नई दिल्ली: चुनाव आयोग ने आज चार राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश के विधानसभा चुनावों की तारीखों की घोषणा कर दी है। पुडुचेरी को दोनों जिलों में एक ही चरण में चुनाव होगा। यहां 6 अप्रैल को वोट डाले जाएंगे और 2 मई को मतगणना होगी। नामांकन कि प्रक्रिया 12 मार्च से शुरू होगी और 22 अप्रैल तक नाम वापस लिए जा सकेंगे। मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने चुनाव तारीखों का ऐलान करते हुए कहा है कि बिहार चुनाव की तरह कोरोना को देखते हुए इसबार भी मतदाताओं की सुरक्षा का पूरा ख्याल रखा जाएगा और कोविड-19 से जुड़े सभी नियमों का पालन किया जाएगा। तारीखों की घोषणा के साथ ही चुनाव आदर्श संहिता लाहू हो गई है। पुडुचेरी में प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में चुनाव खर्च की सीमा 22 लाख रुपये तय की गई है।
पुडुचेरी
में
30
सीटों
पर
होगी
वोटिंग
मौजूदा
पुडुचेरी
विधानसभा
का
कार्यकाल
8
जून
तक
है।
कुल
30
विधानसभा
सीटों
में
यहां
अनूसूचित
जाति
के
लिए
5
सीटें
आरक्षित
हैं।
यहां
पिछले
विधानसभा
में
कुल
930
मतदान
केंद्र
थे,
जो
इसबार
1,559
पोलिंग
स्टेशन
होंगे।
यह
67.63
फीसदी
का
इजाफा
है।
इसबार
वोटिंग
का
समय
भी
एक
घंटे
ज्यादा
होगा।
इसबार
सभी
चुनाव
कर्मचारियों
का
टीकाकरण
किया
जाएगा।
इसबार
चुनाव
में
नामांकन
की
सुविधा
ऑनलाइन
होगी
और
सिक्योरिटी
मनी
भी
ऑनलाइन
जमा
की
जा
सकेगी।
उम्मीदवार
समेत
केवल
पांच
लोग
ही
डोर-टू-डोर
कैंपेन
कर
सकेंगे।
राजस्थान
कैडर
के
रिटायर्ड
आईएएस
मंजीत
सिंह
पुडुचेरी
में
चुनाव
पर्यवेक्षक
होंगे।
पुडुचेरी
में
हाल
ही
में
लगा
है
राष्ट्रपति
शासन
बता
दें
कि
पुडुचेरी
में
इस
समय
राष्ट्रपति
शासन
लगा
हुआ
है।
इस
केंद्र
शासित
प्रदेश
में
पिछले
सोमवार
यानी
22
फरवरी
को
ही
पूर्व
मुख्यमंत्री
वी
नारायणसामी
की
अगुवाई
वाली
कांग्रेस-डीएमके
सरकार
विधानसभा
में
विश्वास
मत
हार
गई
थी।
33
सदस्यीय
पुडुचेरी
विधानसभा
में
30
सदस्य
निर्वाचित
होते
हैं
और
3
को
मनोनीत
किए
जाने
का
प्रावधान
है।
2016
के
विधानसभा
चुनाव
में
यहां
कांग्रेस
के
15
विधायक
जीते
थे।
जबकि
ऑल
इंडिया
एनआर
कांग्रेस
के
8,
एआईएडीएमके
के
4
डीएमके
के
2
और
एक
निर्दलीय
विधायक
को
सफलता
मिली
थी।
लेकिन,
पिछले
साल
कांग्रेस
के
एक
विधायक
को
पार्टी
विरोधी
गतिविधियों
के
चलते
विधायकी
खत्म
कर
दी
गई।
यहां
तीनों
मनोनीत
विधायक
भाजपा
के
हैं,
जिन्हें
सदन
में
मताधिकार
का
अधिकार
भी
हासिल
है।
हाल
में
कांग्रेस
के
पांच
और
डीएमके
एक
विधायक
ने
विधानसभा
की
सदस्यता
छोड़
दी
थी,
जिसके
चलते
नारायणसामी
की
सरकार
अल्पतम
में
आ
गई
और
उसे
सत्ता
से
बेदखल
होना
पड़
गया।
यहां
कांग्रेस,
डीएमके
और
एक
निर्दलीय
विधायक
के
गठबंधन
से
सरकार
में
थी।
पिछले
चुनाव
में
किसे
मिले
थे
कितने
वोट
पिछले
चुनाव
में
वहां
कांग्रेस
को
ओवरऑल
सबसे
ज्यादा
30.60
फीसदी
वोट
मिले
थे।
इसके
बाद
ऑल
इंडिया
एनआर
कांग्रेस
को
28.12
फीसदी,
एआईएडीएमके
को
16.82
फीसदी,
डीएमके
को
8.85
फीसदी
वोट
हासिल
हुए
थे।
यहां
भाजपा
ने
भी
सभी
30
सीटों
पर
भाग्य
आजमाया
था,
लेकिन
29
पर
उसकी
जमानतें
जब्त
हो
गई
थीं।
उसे
महज
2.41
फीसदी
वोट
मिल
पाए
थे।
इस
समय
तेलंगाना
की
राज्यपाल
तमिलिसाई
सौंदरराजन
यहां
कि
लेफ्टिनेंट
गवर्नर
का
प्रभार
भी
संभाल
रही
हैं।
उनकी
नियुक्ति
पूर्व
उपराज्यपाल
किरण
बेद
की
जगह
हुई
है,
जिन्हें
हाल
ही
में
इस
पद
से
हटा
दिया
गया
है।
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