जम्मू कश्मीर: पूर्व IAS अफसर शाह फैसल और दो पीडीपी नेताओं से पीएसए हटाया गया
नई दिल्ली। पूर्व आईएएस अधिकारी और जम्मू एंड कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट के नेता शाह फैसल से जम्मू कश्मीर जन सुरक्षा अधिनियम (पीएसए) हटा लिया गया है। बुधवार को जम्मू कश्मीर प्रशासन ने ये फैसला लिया है। शाह फैसल के अलावा पीडीपी के दो नेताओं, सरताज मदानी और पीर मंसूर से भी पीएसए के तहत आरोप वापस ले लिए गए हैं। पीएसए हटाए जाने के बाद अब जल्दी ही शाह फैसल की रिहाई हो सकती है। वहीं दोनों पीडीपी नेताओं की रिहाई का रास्ता भी साफ हो गया है।
बीते साल अगस्त में जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाए जाने और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांटे जाने के बाद दूसरे नेताओं के साथ फैसल को भी हिरासत में लिया गया था, वो श्रीनगर में ही हिरासत में हैं। जेकेपीएम नेता फैसल पिछले साल अगस्त में दिल्ली हवाई अड्डे पर हिरासत में लिया गया था। बाद में उन पर पीएसए के तहत कार्रवाई की गई थी। ये कानून प्रशासन को किसी व्यक्ति को बिना मुकदमे के छह महीने तक हिरासत में रखने की अनुमति देता है। बता दें कि साल 2009 में आईएएस की परीक्षा में टॉप करने वाले शाह फैसल पहले कश्मीरी बने थे। 2019 में उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था और मुख्यधारा की राजनीति में शामिल होने के उद्देश्य से जम्मू एंड कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट पार्टी की स्थापना की थी।
शाह फैसल के अलावा राज्य के तीन पूर्व सीएम फारूक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती समेत सैकड़ों नेताओं और सामाजिक संगठनों से जुड़े लोगों को बीते साल गिरफ्ताप किया गया था। हालांकि बीते दो महीने में कई नेताओं की रिहाई हुई है। इसमें फारूख अब्दुल्ला और उमर अब्दुल्ला भी शामिल हैं। हालांकि महबूबा मुफ्ती अभी भी हिरासत में ही हैं। राज्य में 5 अगस्त के बाद कई तरह की पाबंदियां भी लगाई गई थीं। संचार के तमाम साधनों को बंद कर दिया गया था। इनमें भी अब काफी छूट दे दी गई है हालांकि अभी भी कई तरह की पाबंदियां घाटी में जारी हैं।