बिहार: नीतीश की टिप्पणी पर बिहार में बवाल, कुशवाहा समाज के लोगों और पुलिस में झड़प
पटना। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा कथित तौर पर आरएलएसपी प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा को 'नीच' और 'धीमा इंसान' कहने के बाद मचा बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है। पटना में नीतीश कुमार की टिप्पणी के खिलाफ भारतीय कुशवाह एकता मंच के जरिए प्रदर्शन किया गया। इस दौरान लाठी चार्ज में कई प्रदर्शनकारियों को चोटें भी आई। इस दौरान आस-पास खड़े लोग भी चपेट में आ गए। घायलों में कई बच्चे और महिलाएं भी शामिल हैं। कुशवाहा समाज के लोगों का कहना है कि नीतीश कुमार या तो अपने शब्द वापस लें या भाजपा अध्यक्ष अमित शाह इस मामले में नीतीश कुमार से पूछें कि आखिर उन्होंने ऐसा शब्द किस संदर्भ में प्रयोग किया।
नीतीश कुमार द्वारा की गई आपत्तिजनक टिप्पणी के बाद शनिवार को अखिल भारतीय कुशवाहा महासंघ ने विरोध में पटना में राजभवन तक मार्च निकाला। जब प्रदर्शनकारी मार्च करते हुए गांधी मैदान के डाक बंगला चौराहा पहुंचे तो वहां उन्होंने ट्रैफिक जाम कर दिया इसके बाद वहां पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने प्रदर्शनकारियों पर जमकर लाठियां बरसाईं। वहीं, कार्यकर्ताओं द्वारा ईंट-पत्थर फेंके जाने से कई पुलिसकर्मी भी घायल बताए जा रहे हैं।
पुलिस के लाठीचार्ज पर उपेंद्र कुशवाहा ने ट्वीट कर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर तंज कसा है और लिखा है कि लाठीचार्ज की घटना बेहद दुखद, शर्मनाक व आश्चर्यजनक है....! बिहार सरकार की पुलिस अपराधियों को तो सर पर बिठाती है लेकिन आन्दोलनकारियों का सर फोड़ती है ! निर्दयतापूर्ण लाठीचार्ज में घायलों के प्रति दुःख-दर्द व्यक्त करता हूं। मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार जी, कुशवाहा समाज पर लाठी चलवाने के बजाय आप अपने बयान का अर्थ लोगों को सार्वजनिक रूप समझा देते तो बड़ी कृपा होती। शायद लोगों का गुस्सा शांत हो जाता और आंदोलन की जरूरत नही पड़ती।
मुख्यमंत्री श्री @NitishKumar जी,
राजभवन की तरफ शांतिपूर्ण तरीके से मार्च कर रहे लोगों को अगर संभाल पाना मुश्किल था, तो भीड़ को तीतर-बितर करने के कई अन्य तरीके भी थे।
लाठी-डंडों से पिटवाकर निर्दोषों का खून बहाना व महिलाओं पर लाठी चलवाना कहाँ का न्याय है ?
यह कैसा सुशासन है ? pic.twitter.com/EqfDI44Fn3
— Upendra Kushwaha (@UpendraRLSP) November 10, 2018
एक अन्य ट्वीट में कुशवाहा ने लिखा कि, राजभवन की तरफ शांतिपूर्ण तरीके से मार्च कर रहे लोगों को अगर संभाल पाना मुश्किल था, तो भीड़ को तीतर-बितर करने के कई अन्य तरीके भी थे। लाठी-डंडों से पिटवाकर निर्दोषों का खून बहाना व महिलाओं पर लाठी चलवाना कहाँ का न्याय है ? यह कैसा सुशासन है ?। बता दें कि एक कार्यक्रम में नीतीश कुमार ने उपेन्द्र कुशवाहा से जुड़े सवाल के जवाब में कहा था कि बातचीत के स्तर को नीचे मत ले जाइए. इसके बाद उपेन्द्र कुशवाहा ने आरोप लगाया कि नीतीश कुमार ने उन्हें नीच कहा है।
JDU से हमारा कोई गठबंधन नहीं, 2020 में कोई भी बिहार का मुख्यमंत्री बन सकता है: उपेंद्र कुशवाहा