रोजगार के सवाल पर कुमारस्वामी ने खोया आपा, बोले- पीएम मोदी से पूछो
बेंगलुरु: कर्नाटक के मु्ख्यमंत्री और जेडीए नेता एचडी कुमारस्वामी को बुधवार को अपने दूसरे ग्राम प्रवास कार्यक्रम के दौरान विरोध का सामना करना पड़ा। कुमास्वामी को बुधवार को सरकारी बस में ग्राम प्रवास के लिए करेगुड्डा जा रहे थे। तभी येरमरस के निरीक्षण बंगले के बाहर उनके वाहन को रोक लिया गया। यहां पर तुंगभद्रा नीरवारी वल्या हंगामी कर्मिका संघ, हट्टी गोल्ड माइंस स्टाफ के कर्मचारियों ने उनके काफिले को लगभग 20 मिनट तक रोक दिया। उन्होंने अपनी लंबित मांगों के लिए सीएम का काफिला रोका। पुलिस को वहां पर स्थिति को नियत्रंण करने में काफी मुश्किलें आई।
कुमारस्वामी ने खोया आपा
इस दौरान सीएम कुमारस्वामी ने अपना आपा खो दिया। वो प्रदर्शनकारियों के साथ बहस करने के दो बार अपनी सीट से उठे, लेकिन कर्नाटक सरकार में मंत्री वेंकटराव नादगौडा और अन्य नेताओं ने नाराज सीएम को शांत किया। अपनी मांगों को पूरा करने की मांग को लेकर प्रदर्शनकारी धरना दे रहे थे। यूनियन लीडर आर मनसैय्या के अनुसार सीएम ने उनसे निरीक्षण बंगले पर मिलने के लिए रजामंदी दी थी, लेकिन हम घंटो तक इंतजार करते और हमारी उनसे मिलने की कोशिश विफल हो गई।
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प्रदर्शनकारियों ने रोका काफिला
सीएम से नाराज यूनियन के नेताओं ने निरीक्षण भवन की इमारत के सामने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। इसके बाद वो काफिल को रोकने के लिए आगे बढ़े। मनसैय्या ने बताया कि तुंगभद्रा की बाईं बैंक नहर के रखरखाव पर काम करने वाले लगभग 748 मजदूरों को पिछले 14 महीनों से वेतन नहीं मिला है। श्रमिकों को नौकरी की सुरक्षा प्रदान की जानी चाहिए।
'पीएम मोदी से पूछो सवाल'
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक रायचूर जाते हुए रोजगार के मुद्दे पर भड़के कुमारस्वामी से जब प्रदर्शन कर रहे लोगों ने पूछा था कि आपने चुनाव से पहले रोजगार का वादा किया था, उसका क्या हुआ? नाराज कुमारस्वामी ने दो टूक कहा कि बेहतर होता अगर यह सवाल आप पीएम नरेंद्र मोदी से करते। गौरतलब है कि इससे पहले पानी संकट को लेकर विरोध कर रहे लोगों से कुमारस्वामी ने दो टूक कहा था कि उनके हाथ में कुछ नहीं है। कुमारस्वामी के मुताबिक, इस मामले में केंद्र सरकार ही निर्देश जारी कर सकती है।
प्रदर्शनकारियों को दिया भरोसा
प्रदर्शन कर रहे लोगों को सीएम के विरोध का सामना करना पड़ा उन्होंने उन्हें मीडिया के सामने हंगामा ना खड़ने की चेतावनी दी। स्थिति काबू से बाहर होती देख उन्होंने विरोध कर रहे नेताओं से थोड़ी देर बातचीत की और उनसे वादा किया वो उनकी समस्याओं पर एक हफ्ते के भीतर मीटिंग बुलाएंगे। प्रदर्शनकारियों ने आश्वासन मिलने के बाद सीएम के काफिले को आगे बढ़ने दिया।
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