MP में टिकट बंटवारे पर घमासान, दिग्गज कांग्रेस नेता के बेटे को अखिलेश ने दिया टिकट
नई दिल्ली। चुनाव के दौरान टिकटों के बंटवारे को लेकर राजनीतिक दलों में घमासान आम बात है। मध्य प्रदेश में भी बीजेपी और कांग्रेस को इन परिस्थितियों से दो-चार होना पड़ा है। कांग्रेस की बात करें तो मध्य प्रदेश में सत्ता में वापसी की कोशिश में लगी पार्टी के एक वरिष्ठ नेता के बेटे ने उस राजनीतिक दल के टिकट पर चुनाव लड़ने का फैसला किया है जिसके चुनाव जीतने की संभावना नहीं है।
सत्यव्रत चतुर्वेदी के बेटे सपा के टिकट पर चुनाव मैदान में
पार्टी के वरिष्ठ नेता सत्यव्रत चतुर्वेदी और प्रदेश के पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष अरुण यादव टिकटों के बंटवारे से खुश नहीं है। सत्यव्रत चतुर्वेदी के बेटे नितिन ने समाजवादी पार्टी के टिकट पर राजनगर सीट से पर्चा दाखिल कर दिया है। जबकि खरगोन के प्रत्याशी को लेकर अरुण यादव खुश नहीं हैं। सत्यव्रत चतुर्वेदी ने कहा, ' मेरा बेटा वयस्क है और अपना फैसला लेने में सक्षम है, जो भी उसने किया है वो सही है। मैं एक पिता के तौर पर उसके साथ हूं। कांग्रेस ने कुछ गलतियां की हैं और स्थानीय लोगों में इसको लेकर नाराजगी है लेकिन मैं पार्टी के साथ हूं।'
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टिकट बंटवारे को लेकर भारी विरोध
मानवर से हीरालाल अलावा की उम्मीदवारी का विरोध हो रहा है जो जय युवा आदिवासी शक्ति से जुड़े हैं। सूत्रों का कहना है कि यही कारण है कि पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह हीरालाल अलावा के नामांकन के वक्त खुद मौजूद रहेंगे। इसी प्रकार इंदौर, नरसिंहपुर और बालाघाट के उम्मीदवारों को लेकर विरोध हो रहा है। पूर्व विधायक जेवियर मेधा सांसद कांतिलाल भूरिया के बेटे विक्रांत को झाबुआ से टिकट दिए जाने से नाराज हैं।
संजय सिंह मसानी के टिकट को लेकर भी विरोध
इसके अलावा, वारसेनी के पूर्व विधायक प्रदीप जायसवाल यहां से दावेदार थे लेकिन शिवराज सिंह चौहान के साले संजय सिंह मसानी को तरजीह दी गई, जिसके कारण विरोध भी देखने को मिला है। हितेश ठाकुर बाल मुकुंद गौतम की पत्नी को धार से उम्मीदवार बनाए जाने का विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि उन्होंने 32 सालों से पार्टी की सेवा की है। सिरोंज से अशोक त्यागी को उम्मीदवार बनाया गया था लेकिन भारी विरोध के कारण नाम बदलना पड़ा था।
मध्य प्रदेश में कई कांग्रेस नेताओं ने छोड़ी पार्टी
हाल ही में कांग्रेस में शामिल होने वाले संजय शर्मा नरसिंहपुर से चुनाव लड़ेंगे, पार्टी के इस फैसले का भी विरोध हो रहा है। मुलायम सिंह कौरव ने इसका विरोध करते हुए बीजेपी का दामन थाम लिया। ग्वालियर साउथ से प्रवीण पाठक को प्रत्याशी बनाए जाने का भी विरोध हो रहा है। रश्मि पवार और भगवान सिंह यादव के समर्थकों ने पार्टी कार्यालय के बाहर जमकर प्रदर्शन किया। जुनारदेव सीट से सुनील उंके को टिकट दिए जाने का विरोध करते हुए पूर्व विधायक रामदास ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया। पूर्व विधायक राजेंद्र सिंह बघेल के बेटे हतपिपलिया सीट से निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर मैदान में है। सूबे में कांग्रेस में टिकटों को लेकर विरोध दिन प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है।