नागरिकता संशोधन कानून: विपक्षी दलों ने राष्ट्रपति से मिलने का समय मांगा
नई दिल्ली। नागरिकता संसोधन कानून के खिलाफ देश के कई हिस्सों में हो रहे विरोध प्रदर्शनों को देखते हुए विपक्षी दलों ने राष्ट्रपति से मिलने का समय मांगा है। विपक्षी दल नागरिकता संशोधन के विरोध में देश के मौजूदा हालात पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को अवगत कराने के लिए एक बैठक के लिए समय मांगा है। विपक्षी दलों का कहना है कि मौजूदा सरकार ने देश को अव्यवस्था में धकेल दिया है।
नागरिकता संशोधन कानून का देश के कई हिस्सों, खासतौर से पूर्वोत्तर में भारी विरोध हो रहा है। असम के कई जिलों में बीते कुछ दिनों में लोगों ने इस बिल के विरोध में प्रदर्शन किए हैं। भारी तोड़फोड़ और आगजनी के बाद कई जिलों में मोबाइल इंटरनेट सेवा को रोक दिया गया है। पुलिस फायरिंग में दो प्रदर्शनकारियों की मौत हो गई है। कई लोग घायल भी हुए हैं। वहीं देश की कई बड़े विश्वविद्यालयों के छात्र की लगातार बिल के खिलाफ विरोध दर्ज करा रहे हैं। दिल्ली, हैदराबाद, लखनऊ, अलीगढ़, पंजाब और दूसरे हिस्सों में प्रदर्शन हुए हैं।
नागरिकता संशोधन एक्ट, 2019 बीते हफ्ते सदन से पास हुआ है। इस कानून में पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए हिंदू, जैन, सिख, बौद्ध, पारसी और ईसाई समुदाय के शरणार्थियों को नागरिकता का प्रस्ताव है। कांग्रेस समेत ज्यादातर विपक्षी दल और कई संगठन भी इस बिल का विरोध कर रहे हैं।
नागरिकता कानून के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में भी दो दर्जन से ज्यादा याचिकाएं दायर की गई हैं। सर्वोच्च अदालत में अब तक पीस पार्टी, रिहाई मंच, जयराम रमेश, प्रद्योत देब बर्मन, जन अधिकार पार्टी, एमएल शर्मा, असदुद्दीन ओवैसी, महुआ मोइत्रा की ओर से याचिकाएं डाली गई हैं। इनकी मांग है कि इस कानून को रद्द कर दिया जाए।
नागरिकता कानून के खिलाफ कांग्रेस और प्रद्योत देब बर्मन की याचिकाओं पर 18 दिसंबर को सुनवाई