आंध्र प्रदेश विधानसभा में NPR और NRC के खिलाफ प्रस्ताव पारित, केंद्र के सामने रखी ये शर्त
नई दिल्ली। कोरोना वायरस संकट के बीच एक बार फिर से देश में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) को लेकर चर्चा तेज हो गई है। दरअसल, बुधवार को आंध्र प्रदेश विधानसभा में एनआरसी और एनपीआर के खिलाफ एक प्रस्ताव पारित किया गया है। प्रदेश के उपमुख्यमंत्री अमजथ बाशा शीक बेपारी ने इस बात की जानकारी दी है। बता दें कि एनआरसी और एनपीआर को लेकर देश में कोरोना वायरस संकट से पहले ही विरोधदर्ज कराया गया है। इससे पहले, दिल्ली, बिहार समेत कई राज्यों की विधानसभा में प्रस्ताव पारित हो चुका है।
अमजथ बाशा शीक बेपारी ने बताया कि प्रस्ताव में कहा गया है कि एनपीआर अपने मौजूदा प्रारूप में पीपीएल के प्रति भय पैदा कर रहा है। एनपीआर 2020 में माता-पिता के स्थान और जन्म तिथि, मातृभाषा आदि से संबंधित नए स्तंभों को जोड़ने से पीपीएल के बीच अनावश्यक भ्रम और विश्वास की कमी हुई है। उन्होंने आगे कहा, इन परिस्थितियों में केंद्र से आंध्र प्रदेश सरकार अनुरोध करती है कि NPR को लागू किया जाता है तो यह 2010 की प्रक्रिया के तहत किया जाना चाहिए।
Andhra Pradesh Assembly today passed a resolution against the National Register of Citizens (NRC) and National Population Register (NPR): Deputy Chief Minister (Minority Welfare) Amzath Basha Shaik Bepari pic.twitter.com/RQave4Vvoe
— ANI (@ANI) June 17, 2020
शाहीन
बाग
में
फिर
से
आंदोलन
की
तैयारी
नागरिक
संशोधन
एक्ट
(CAA)
और
राष्ट्रीय
नागरिक
रजिस्टर
(NRC)
के
खिलाफ
दिल्ली
के
शाहीन
बाग
में
प्रदर्शन
फिर
से
शुरू
हो
सकता
है।
जिसको
लेकर
दिल्ली
पुलिस
हाईअलर्ट
पर
है।
इस
बार
सीएए-एनआरसी
के
अलावा
कई
दूसरे
मुद्दे
भी
उठाने
की
योजना
बनाई
गई
है।
इसके
लिए
सोशल
मीडिया
के
जरिए
लोगों
को
मैसेज
भेजे
जा
रहे
हैं।
साथ
ही
पुलिस
को
प्रदर्शनकारियों
के
मूवमेंट
की
भनक
न
लगे,
इसके
लिए
अगल
से
प्लान
बनाया
गया
है।
पिछले
साल
15
दिसंबर
को
शाहीन
बाग
में
प्रदर्शन
शुरू
हुआ
था,
जो
14
मार्च
को
कोरोना
वायरस
की
वजह
से
खत्म
कर
दिया
गया।
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