रद्द नहीं किए गए चीनी कंपनियों के साथ 5 हजार करोड़ के प्रोजेक्ट्स, महाराष्ट्र सरकार ने किया साफ
नई दिल्ली। भारत और चीन में सीमा पर बढ़ते तनाव के बीच अब देशभर में चीनी उत्पादों के बहिष्कार का अभियान शुरू हो गया है। भारत में कई लोगों ने बड़े स्तर पर सोशल मीडिया से लेकर सड़क तक चीन आयातित समानों के बहिष्कार की अपील की है। इस बीच कई राज्यों ने भी चीनी कंपनियों के साथ अपने ठेके को रद्द कर दिया है। इस बीच सोमवार को खबर आई कि महाराष्ट्र सरकार ने भी तीन चीनी कंपनियों के साथ 5 हजार करोड़ रुपए के समझौतों को रद्द कर दिया है। हालांकि बाद में उद्धव ठाकरे सरकार ने स्पष्ट किया कि राज्य सरकार ने चीनी परियोजनाओं को 'रद्द नहीं' किया है फिलहाल के लिए उन्हें अगली सूचना तक होल्ड (यथा स्थिति) पर रख दिया गया है।
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गौरतलब है कि पूर्वी लद्दाख के गलवान घाटी में 15 जून की रात हुए चीनी सेना के साथ हिंसक झड़प में 20 भारतीय जवान शहीद हो गए थे। इस घटना के बाद से ही देश में चीन के प्रति गुस्सा है और मांग की जा रही है कि भारत चीन को सबक सिखाए। हिंसक झड़प के बाद भारत में चीनी उत्पादों के बहिष्कार की मांग जोर पकड़ रही है। इसी के मद्देनजर सोमवार को महाराष्ट्र सरकार ने चीन के तीन प्रॉजेक्टों को यथा स्थिति पर रख दिया। ये करार करीब 5000 करोड़ के परियोजनाओं से जुड़े थे और हाल में 'मैगनेटिक महाराष्ट्र' 2.0 इंवेस्टर' समिट के दौरान हुए थे। महाराष्ट्र के उद्योग मंत्री सुभाष देसाई ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि यह फैसला केंद्र सरकार से बातचीत के बाद लिया गया है।
Maharashtra govt has put 3 Chinese deals worth Rs 5020 cr on hold. The companies- Hengli Engineering, PMI Electro Mobility Solutions joint venture with Photon & Great Wall Motors - signed the deal to invest in Talegaon, Pune dist: State Industries Minister Subhash Desai(file pic) pic.twitter.com/gVEfB1g4Pg
— ANI (@ANI) June 22, 2020
साइन प्रॉजेक्टों में पहला ग्रेट वॉल मोटर्स का था। 3,770 करोड़ के इस प्रॉजेक्ट में पुणे के पास ऑटोमोबाइल प्लांट लगना था। दूसरी प्रॉजेक्ट पीएमआई इलेक्ट्रो मोबिलिटी और फोटोन (चाइना) का था। इसमें 1 हजार करोड़ रुपये में यूनिट लगनी थी। तीसरा प्रॉजेक्ट हिंगली इंजिनियरिंग का था। इसमें 250 करोड़ का निवेश था। आपको बता दें कि मैग्नेटिक महाराष्ट्र 2.0 के तहत राज्य सरकार ने अर्थव्यवस्था को उभारने की योजना बनायी है। इसमें सरकार ने 12 समझौतों पर हस्ताक्षर किए थे, जिनमें सिंगापुर, दक्षिण कोरिया, अमेरिका के साथ ही भारत की भी कंपनियों के करार शामिल थे। चीन की कंपनियों के करार रोके जाने के बाद राज्य सरकार अब बाकी 9 करारों पर सक्रियता से काम कर रही है।
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