राहुल गांधी बोले- कोरोना की रैपिड टेस्ट किट पर मुनाफाखोरी, देश नहीं करेगा माफ
नई दिल्ली। कोरोना वायरस की जांच में इस्तेमाल की जा रही चीन की रैपिड एंटीबॉडी टेस्ट किट को लेकर अहम खुलासा हुआ है। इंडियन कांउसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च को जो रैपिड टेस्टिंग किट बेची गई, वह काफी उंचे दामों में दी गई है। इस किट में बहुत मोटा मुनाफा कमाया गया है। मामला सामने आने के बाद कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने सरकार पर सवाल खड़े किए हैं। उन्होने पीएम मोदी से एक्शन लेने के लिए कहा है।
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मुनाफा वसूलने वालों को देश माफ नहीं करेगा: राहुल
सोमवार को राहुल गांधी ने ट्वीट कर लिखा कि, 'जब समूचा देश कोरोना वायरस आपदा से लड़ रहा है, तब भी कुछ लोग अनुचित मुनाफा कमाने से नहीं चूकते। इस भ्रष्ट मानसिकता पे शर्म आती है, घिन आती है।' इस मामले पर कार्रवाई की मांग करते हुए राहुल गांधी ने लिखा कि, 'हम प्रधानमंत्री से माँग करते हैं कि इन मुनाफाखोरों पर जल्द ही कड़ी कार्यवाही की जाए। देश उन्हें कभी माफ नहीं करेगा। '
245 रुपए की किट आईसीएमआर को 600 रुपये में बेची
दरअसल, चीन से आयातित कोविड-19 रैपिड टेस्ट किट को लेकर इसके वितरक और आयातक के बीच विवाद सामने आया। जिसके बाद ये पूरा मामला दिल्ली हाई कोर्ट पहुंच गया था, जिसके बाद दामों को लेकर खुलासा हुआ। जो किट चीन से लाई जा रही है, उसकी कीमत 245 रुपये है, लेकिन डिस्ट्रीब्यूटर रीयल मेटाबॉलिक्स और आर्क फार्मास्यूटिकल्स ने इस किट को आईसीएमआर को 600 रुपये में बेचा जा रहा है यानी करीब 145 फीसदी मुनाफे के साथ।
इस बात को लेकर हुआ विवाद
विवाद इस बात पर था कि आयातक बाकी बची 2.24 लाख किट आईसीएमआर को नहीं भेज रहा। आयातक मैट्रिक्स लैब्स ने ऐसी 5 लाख किट आयात की थीं, लेकिन उसका कहना है कि उसे 21 करोड़ रुपये (20 करोड़ प्लस जीएसटी) में से अभी सिर्फ 12.75 करोड़ रुपये का ही भुगतान किया गया है। एग्रीमेंट के मुताबिक आयातक को पहले बाकी बचे 8.25 करोड़ रुपये के भुगतान करने थे, लेकिन रेयर मेटाबोलिक्स ने दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दाखिल कर यह अनुरोध किया कि उसे बाकी बची 2.24 लाख किट दिलाई जाएं, ताकि वह आईसीएमआर को आपूर्ति करने का अपना एग्रीमेंट पूरा कर सके।
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