लोकसभा चुनाव 2019: ज़हीराबाद लोकसभा सीट के बारे में जानिए
नई दिल्ली: तेलंगाना की ज़हीराबाद लोकसभा सीट से TRS नेता बीबी पाटिल सांसद हैं, उन्होंने साल 2014 के चुनाव में यहां पर कांग्रेस नेता सुरेश कुमार सेतकर को 1,44,631 वोटों के अंतर से पराजित किया था। बीबी पाटिल को 46.46 फीसदी यानी 5,08,661 वोट मिले थे. दूसरे नंबर पर रहे कांग्रेस के सुरेश कुमार सेतकर को 33.25 फीसदी यानी 3,64,030 वोट मिले थे, इन सीट पर तीसरे नंबर पर टीडीपी रही थी, टीडीपी प्रत्याशी के. मदन मोहन राव को यहां पर 1,57,497 वोट मिले थे।
जहीराबाद
लोकसभा
सीट
का
इतिहास
इससे
पहले
जहीराबाद
लोकसभा
सीट
आंध्र
प्रदेश
में
थी,
साल
2008
में
परिसीमन
के
बाद
यह
सीट
अस्तित्व
में
आई
थी,
इसे
मेडक
जिले
की
तीन
विधानसभा
सीटें
और
निजामाबाद
जिले
की
चार
विधानसभा
सीटों
को
मिलाकर
बनाया
गया
है।
यहां
पर
साल
2009
में
लोकसभा
चुनाव
हुए
थे।
2009
के
चुनाव
में
कांग्रेस
के
सुरेश
कुमार
सेतकर
ने
टीडीपी
के
सैयद
यूसुफ
अली
पर
करीब
17
हजार
वोटों
के
अंतर
से
जीत
दर्ज
की
थी,
तब
तीसरे
नंबर
पर
प्रजा
राज्यम
पार्टी
के
एम.
शिव
कुमार
रहे
थे
लेकिन
साल
2014
के
चुनाव
में
यहां
पर
कांग्रेस
को
करारी
हार
देते
हुए
यहां
टीआरएस
नेता
बीबी
पाटिल
यहां
से
विजयी
हुए।
जहीराबाद
,
परिचय-प्रमुख
बातें-
जहीराबाद
लोकसभा
सीट
तेलंगाना
के
मेडक
और
निजामाबाद
जिले
में
आती
है,
जहीराबाद
मेडक
जिले
का
मुख्य
आर्थिक
केंद्र
है,
यह
नाम
मोहम्मद
जहीरुद्दीन
खान
के
नाम
पर
पड़ा,
यहां
तेलुगू,
उर्दू,
कन्नड़
और
मराठी
भाषाएं
बोली
जाती
हैं,
जहीराबाद
का
मुख्य
व्यवसाय
कृषि
है,
यहां
की
जनसंख्या
20,40,339
है,
जिसमें
से
87.92%
लोग
गांवों
में
और
12.08%
लोग
शहरों
में
निवास
करते
हैं,
यहां
17.79%
लोग
एससी
वर्ग
के
और
8.38%
लोग
एसटी
वर्ग
के
हैं।
जहीराबाद
लोकसभा
क्षेत्र
में
सात
विधानसभा
सीटें
आती
हैं,
जिनके
नाम
हैं
जुक्कल,
अंडोले
,जहीराबाद,
बांसवाड़ा,
कामारेड्डी,
नारायनखेड
और
येल्लारेड्डी,
जिसमें
से
जुक्कल
और
अंडोले
SC
के
लिए
रिजर्व
सीटे
हैं।
2018
में
हुए
विधानसभा
चुनावों
में
सात
में
से
छह
सीटों
पर
टीआरएस
को
जीत
मिली
थी
तो
एक
सीट
पर
कांग्रेस
जीती
थी।
भीमराव
बी.
पाटिल
का
लोकसभा
में
प्रदर्शन
जहीराबाद
के
सांसद
भीमराव
बी.
पाटिल
का
संसद
में
प्रदर्शन
काफी
अच्छा
रहा
है,
दिसंबर
2018
की
रिपोर्ट
के
मुताबिक
उनकी
संसद
में
उपस्थिति
79
फीसदी
रही
है,
इस
दौरान
उन्होंने
41
बहसों
में
हिस्सा
लिया,
उन्होंने
सदन
में
409
सवाल
भी
पूछे,
पाटिल
को
उके
क्षेत्र
में
विकास
कार्यों
के
लिए
12.50
करोड़
रुपये
आवंटित
हुए
थे,
जो
ब्याज
की
रकम
को
मिलाकर
15.84
करोड़
हो
गए.
इसमें
से
उन्होंने
12.84
करोड़
रुपये
खर्च
किए
हैं।
साल
2014
के
चुनाव
में
यहां
पर
कुल
मतदाताओं
की
संख्या
14,45,246
थी,
जिसमें
से
केवल
10,94,806
लोगों
ने
अपने
मतों
का
प्रयोग
यहां
किया
था,
जिसमें
पुरुषों
की
संख्या
5,46,746
और
महिलाओं
की
संख्या
5,48,060
थी।
कांग्रेस की सुरक्षित मानी जाने वाली इस सीट पर कांग्रेस का हारना पार्टी के लिए करारा झटका थी, ऐसे में क्या इस बार कांग्रेस यहां अपनी हार का बदला ले पाएगी, यह एक बड़ा सवाल है तो वहीं टीआरएस ने पिछले लोकसभा चुनाव में केवल इस सीट पर ही नहीं बल्कि पूरे राज्य में जबरदस्त प्रदर्शन किया था, उसने राज्य की 17 सीटों में से 11 सीटों को अपने नाम किया था। इन हालाता में कांग्रेस कैसे TRS को टक्कर देगी इस पर सबकी नजर है तो वहीं टीआरएस के ऊपर भी दवाब अपने प्रभुत्व को बचाकर रखने की होगा, देखते हैं चुनावी जंग में जीत की बाजी किसके हाथ लगती है।
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