लोकसभा चुनाव 2019: तेनकासी लोकसभा सीट के बारे में जानिए
नई दिल्ली: तेनकासी लोकसभा सीट से ADMK की नेता एम. वसंती (M.Vasanthi)सांसद हैं, जिन्होंने साल 2014 के चुनाव में इस सीट पर PT पार्टी के नेता डॉ. कृष्णास्वामी (Dr.Krishnasamy.K) को 161, 774 वोटों से हराया था। एम. वसंती को यहां पर 424, 586 वोट मिले थे तो वहीं डॉ. कृष्णास्वामी को यहां पर 262, 812 वोटों पर संतोष करना पड़ा था। इस सीट पर नंबर तीन पर MDMK और नंबर 4 पर कांग्रेस थी। MDMK के प्रत्याशी को 190, 233 वोट और कांग्रेस के प्रत्याशी को 589, 63 वोट मिले थे। साल 2014 के चुनाव में यहां कुल मतदाताओं की संख्या 13,82,081 थी, जिसमें से केवल 10,17,938 लोगों ने अपने मतों का प्रयोग यहां पर किया था, जिसमें पुरूषों की संख्या 4,90,748 और महिलाओं की संख्या 5,27,190 थी।
तेनकासी
लोकसभा
सीट
का
इतिहास
साल
1957
में
यहां
पहली
बार
आम
चुनाव
हुए
थे
जिसे
कि
कांग्रेस
ने
जीता
था
और
तब
से
लेकर
लगातार
नौ
बार
कांग्रेस
ही
का
राज
यहां
पर
रहा
और
यहां
से
एम
अरुणाचलम
(M.
Arunachalam)
यहां
से
लगातार
6
बार
सांसद
चुने
गए,
वो
1977,
1980,
1984,
1989
और
1991
में
यहां
से
कांग्रेस
के
टिकट
पर
विजयी
हुए
लेकिन
साल
1996
का
चुनाव
उन्होंने
TMC
(M)
के
टिकट
पर
जीता
था।
साल
1998
में
पहली
बार
ADMK
यहां
पर
जीती
और
1999
में
भी
उसे
ही
सांसद
की
गद्दी
मिली
लेकिन
साल
2004
के
चुनाव
में
उसे
झटका
लगा
और
CPI
ने
इस
सीट
पर
कब्जा
कर
लिया
और
साल
2009
तक
उसी
का
राज
यहां
पर
रहा
लेकिन
साल
2014
का
चुनाव
यहां
पर
ADMK
ने
जीता
और
एम
वसंती
यहां
से
जीतकर
लोकसभा
पहुंचीं।
तेनकासी,
परिचय-प्रमुख
बातें-
तेनकासी
तमिलनाडु
के
तिरूनेलवेली
जिले
का
ही
हिस्सा
है
और
मंदिरों
के
लिए
काफी
मशहूर
है
,
बहुत
सारी
पारंपरिक
विरासत
को
समेटे
तेनकासी
में
आय
का
श्रोत
कृषि
और
मत्स्य
पालन
हैं,
आस्था
का
केंद्र
तेनकासी
की
कुल
जनसंख्या
18,00,826
है,
जिसमें
से
51.99%
लोग
ग्रामीण
इलाके
में
रहते
हैं
और
48.01%
लोग
शहरों
में
निवास
करते
हैं,
यहां
पर
22
प्रतिशत
लोग
एससी
वर्ग
के
हैं,
यहां
आपको
यह
भी
बता
दें
कि
तेनकासी
लोकसभा
सीट
SC
के
लिए
आरक्षित
हैं।
दिसंबर
2018
की
रिपोर्ट
के
मुताबिक
पिछले
5
सालों
के
दौरान
लोकसभा
में
सांसद
एम
वसंती
की
उपस्थिति
74
प्रतिशत
रही
है,
इस
दौरान
इन्होंने
21
डिबेट
में
हिस्सा
लिया
है
और
250
प्रश्न
पूछे
हैं।
कांग्रेस का गढ़ कही जाने वाली तेनकासी लोकसभा सीट पर लंबे वक्त से कांग्रेस जीत के लिए तरस रही है तो वहीं DMK को इस सीट पर अब तक एक बार भी सफलता नही मिली है, तो साल 2004 और 2009 में लगातार इस सीट पर राज करने वाली CPI साल 2014 के चुनाव में नंबर पांच पर थी, उसका प्रदर्शन बेहद ही खराब था जबकि ADMK ने जोरदार प्रदर्शन करते हुए यहां बाजी मारी थी लेकिन क्या इस बार भी इस सीट पर ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम कमाल कर पाएगी, वो भी तब, जब उसे बिखराव और फूट के दंश से जूझना पड़ा है। कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि इस बार इस सीट पर मुकाबला काफी कड़ा होगा, जिसमें जीत उसे ही मिलेगी जिसे यहां की जनता पसंद करेगी। चलते-चलते आपको बता दें कि पिछले चुनाव में ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम ने पूरे राज्य की 39 सीटों में से 37 सीटों पर कब्जा किया था।
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