लोकसभा चुनाव 2019: सेलम लोकसभा सीट के बारे में जानिए
नई दिल्ली: तमिलनाडु की सेलम लोकसभा सीट से AIADMKके नेता वी पन्नीरसेल्वम ( V. Pannerselvam)सांसद हैं। उन्होंने साल 2014 के चुनाव में इस सीट पर DMK की नेता उमा रानी (Umarani. S) को 267,610 वोटों से हराया था। वी पन्नीरसेल्वम को कुल 556, 546 वोट मिले थे, तो वहीं उमारानी को केवल 288, 936 वोटों पर संतोष करना पड़ा था, इस सीट पर नंबर तीन की पोजिशन पर DMDK के प्रत्याशी थे, जिन्हें कि 201, 265 वोट हासिल हुए थे और नंबर चार का स्थान कांग्रेस को मिला था, जिसके प्रत्याशी को केवल 464, 77 वोट नसीब हुए थे।
सेलम
लोकसभा
सीट
का
इतिहास
साल
1952
में
यहां
पर
पहला
आम
चुनाव
हुआ
था
,
जिसे
कि
कांग्रेस
ने
जीता
था,
इसके
बाद
1957
और
1962
में
भी
यहां
कांग्रेस
का
ही
राज
रहा,
1967
और
1971
में
यहां
DMK
ने
जीत
हासिल
की,
1977
का
चुनाव
यहां
पर
AIADMK
ने
जीता
तो
1980
में
यहां
पर
DMK
को
सफलता
मिली,
1984,
1989,
1991,
1996
और
1998
में
यहां
कांग्रेस
का
शासन
रहा
,
1999
में
यहां
पर
AIADMK
को
जीत
मिली
तो
2004
के
चुनाव
में
यहां
कांग्रेस
ने
वापसी
की
लेकिन
2009
का
चुनाव
यहां
पर
AIADMK
ने
जीता
और
साल
2014
में
भी
यह
सीट
AIADMK
के
पास
ही
बरकरार
रही
और
वी
पन्नीरसेल्वम
यहां
से
जीतकर
लोकसभा
पहुंचे।
सेलम,
परिचय-प्रमुख
बातें-
सेलम
जिला
तमिलनाडु
के
उत्तर
मध्य
भाग
में
स्थित
है।
राजधानी
चेन्नई
से
340
किलोमीटर
की
दूरी
पर
स्थित,
सेलम
मैंगो
सिटी
के
रूप
में
भी
मशहूर
है।
यह
राज्य
और
नगर
निगम
में
पांचवां
सबसे
बड़ा
शहर
है।
शहर
का
नाम
'चेरम'
से
निकला
है,
सेलम
शहर
पहले
'चेरालम'
के
रूप
में
प्रसिद्ध
था
और
इसकी
स्थापना
चेरा
राजवंश
चेरारमन
पेरुमन
ने
की
थी।
शब्द
चेरालम
का
मतलब
होता
है
पर्वत
श्रृंखला
।
सेलम
एक
लोकप्रिय
पर्यटन
और
तीर्थ
स्थल
है।
शहर
में
कई
धार्मिक
स्थान
हैं,
जैसे
कोट्टइ
मरियम्मन
मंदिर,
तारामंगलम
मंदिर,
सेलम
सुगावनेश्वर
मंदिर,
अरुलमिगी
अलगिरिनाथर
मंदिर
और
जामा
मस्जिद।
सेलम
एक
लोकप्रिय
शॉपिंग
स्पॉट
भी
है।
सेलम
में
बनने
वाली
चांदी
की
पायलें
देश
भर
में
लोकप्रिय
हैं।
सेलम
की
आबादी
19,54,050
है
जिसमें
से
36.26%
लोग
गांवों
में
और
63.74%
लोग
शहरों
में
निवास
करते
हैं,
यहां
पर
14.21%
लोग
एससी
वर्ग
के
और
0.74%
लोग
एसटी
वर्ग
के
हैं।
वी
पन्नीरसेल्वम
का
लोकसभा
में
प्रदर्शन
वी
पन्नीरसेल्वम,
सेलम
जिले
में
पार्टी
के
डिप्टी
सेकेट्ररी
के
तौर
पर
भी
काम
कर
चुके
हैं,
दिसंबर
2018
की
रिपोर्ट
के
मुताबिक
पिछले
5
सालों
के
दौरान
उनकी
लोकसभा
में
उपस्थिति
69
प्रतिशत
रही
है
और
इस
दौरान
इन्होंने
22
डिबेट
में
हिस्सा
लिया
है
और
139
प्रश्न
पूछे
हैं।
साल
2014
के
चुनाव
में
इस
सीट
पर
कुल
मतदाताओं
की
संख्या
14,98,350
थी,
जिसमें
से
केवल
11,50,296
लोगों
ने
अपने
मतों
का
प्रयोग
यहां
पर
किया
है,
जिसमें
पुरुषों
की
संख्या
5,93,783
और
महिलाओं
की
संख्या
5,56,513
थी।
सेलम सीट पर कांग्रेस का राज रहा है लेकिन बीते दस सालों से वो यहां जीत के लिए तरस रही है और तो और साल 2014 के चुनाव में वो यहां चौथे नंबर की पार्टी थी, निश्चिचत तौर पर यह कांग्रेस का काफी खराब प्रदर्शन था, तो वहीं AIADMK ने पिछले चुनाव में जबरदस्त परफार्म किया था, हालांकि मु्ख्यमंत्री जयललिता के निधन के बाद पार्टी मुश्किलों से गुजरी है और उसमें बिखराव हुआ है, ऐसे में क्या एक बार फिर से उसका जादू यहां चलेगा , ये एक बड़ा सवाल है, जिसका जवाब चुनावी नतीजे देंगे। देखते हैं इस बार AIADMK यहां अपनी जीत की हैट्रिक पूरी करती है या फिर कांग्रेस का सूखा समाप्त होता है।
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