लोकसभा चुनाव 2019: रोहतक लोकसभा सीट के बारे में जानिए
नई दिल्ली: हरियाणा की रोहतक लोकसभा सीट से सांसद कांग्रेस के युवा नेता दीपेंद्र सिंह हुड्डा हैं। उन्होंने महज 27 साल की उम्र में लोकसभा का चुनाव जीता था। साल 2005 में उनकी यह पहली जीत थी, जो उन्हें दिल्ली लेकर गई। तब से लेकर अब तक दीपेंद्र तीन बार लोकसभा चुनाव जीत चुके हैं। 2014 के चुनाव में उन्होंने भाजपा के ओमप्रकाश धनकर को 1 लाख 70 हजार वोटों से हराया था। करीब 4 लाख 90 हजार वोटों के साथ हुड्डा तीसरी बार संसद पहुंचे। इस चुनाव में 1,567,504 लोगों ने वोट डाला। वोट देने वालों में 850,125 पुरुष और 717,379 महिलाएं थीं। पिछले चुनाव में कुल 67 फीसदी वोट पड़े।
रोहतक लोकसभा सीट का इतिहास
रोहतक के चुनावी इतिहास की एक झलक देखें तो आपको यहां केवल हुड्डा परिवार की सल्तनत ही दिखाई देगी। 1952 से लेकर अब तक यहां 16 बार लोकसभा चुनाव हुए, जिनमें से 9 बार यह सीट हुड्डा परिवार के खाते में गई। पहले रणबीर सिंह हुड्डा, फिर उनके बेटे भूपिंदर सिंह हुड्डा आये। वे रोहक में सबसे लंबे समय तक सांसद रहे। उनके बाद अब रणबीर सिंह के पौत्र दीपेंद्र सिंह हुड्डा यहां से सांसद हैं। हालांकि बीच-बीच में इस सीट से जन संघ, जनता पार्टी, समाजवादी जनता पार्टी और इंडियन नेशनल लोक दल के प्रत्याशी भी जीते। रोहतक संसदीय क्षेत्र की कुल जनसंख्या 2,315,259, जिनमें 69.79 प्रतिशत लोग ग्रामीण इलाकों में रहते हैं, जबकि 30.21% आबादी शहरी इलाके में रहती है। रोहतक भले ही जनरल सीट है, लेकिन यहां पर अनुसूचित जाति के लोगों की संख्या 19.26 फीसदी है।
दीपेंद्र सिंह हुड्डा का लोकसभा में प्रदर्शन
दीपेंद्र सिंह हुड्डा बीटेक इंजीनियर हैं। इसके साथ ही वे अमेरिका की इंडियाना यूनिवर्सिटी से एमबीए कर चुके हैं। जिस तरह पढ़ाई लिखाई में उनका प्रदर्शन बेहद उमदा रहा, उसी तरह सदन के भीतर भी वे काफी सक्रिय रहे हैं। मई 2014 से दिसंबर 2018 तक 80 फीसदी उपस्थिति दर्ज करने के साथ-साथ उन्होंने मात्र 52 परिचर्चाओं में हिस्सा लिया। जबकि राज्य का औसत 58.5 और राष्ट्रीय औसत 63.8 था। लोकसभा से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार इस अवधि में उन्होंने कुल 106 प्रश्न पूछे जबकि हरियाणा के सभी सांसदों का कुल औसत 250 और राष्ट्रीय औसत 273 था। दीपेन्दर हुड्डा ने तीन प्राइवेट मेंबर बिल भी प्रस्तुत किये। हुड्डा ने सदन में हरियाणा से जुड़े कई सवाल उठाये। जिनमें हरियाणा को जोड़ने वाली सड़कों, रेलवे लाइनों और हवाई अड्डों से जुड़े सवाल प्रमुख रहे। यही नहीं उन्होंने बेरोजगारी, बिजली, पानी आदि से जुड़े सवाल भी उठाये।
गौरतलब है कि रोहतक में असली वोटबैंक किसानों का है। मोदी सरकार ने अंतरिम बजट में किसानों को मनाने की बहुत कोशिशें की हैं। लेकिन यह कोशिशें रोहतक में सफल होंगी या नहीं, यह कहना अभी मुश्किल है। इसके दो कारण है- पहला भाजपा अब तक इस सीट पर सफल नहीं हुई है और दूसरा दीपेंद्र सिंह हुड्डा के लिये कांग्रेस पूरा जोर लगाने की तैयारी में है। लेकिन हां आईएनएलडी को यहां पर नज़रअंदाज़ मत करियेगा। यह क्षेत्रीय पार्टी भी किसी भी राष्ट्रीय दल से सीट छीनने का दम रखती है।