Profile of Sachin pilot: पढ़िए राजस्थान के नए डिप्टी सीएम का राजनीतिक सफरनामा
नई दिल्ली। राजस्थान में विधानसभा चुनावों के नतीजे कांग्रेस के लिए किसी गुड न्यूज से कम नहीं हैं। यहां पर अशोक गहलोत को बतौर सीएम राज्य की कमान दी गई है तो युवा नेता सचिन पायलट राज्य के डिप्टी सीएम होंगे। पायलट ने राजस्थान की टोंक सीट से चुनाव जीता है। हालांकि अगर 41 वर्ष के पायलट अगर मुख्यमंत्री बनते तो वह सबसे कम उम्र के सीएम बनकर एक नया रिकॉर्ड बनाते। सचिन पायलट के नाम पर पहले ही देश में सबसे कम उम्र का सांसद बनने का रिकॉर्ड दर्ज है। यूं तो उनकी जिंदगी से जुड़े कई पहलु हैं जो काफी रोचक हैं लेकिन एक बात ऐसी है जो आपको शायद नहीं मालूम है। पायलट ने जिस कॉलेज से एमबीए की पढ़ाई की है, उसके एलमुनाई में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का नाम भी शामिल है।
सबसे कम उम्र के सांसद बने थे सचिन
साल 2009 में सचिन पायलट ने राजस्थान की अजमेर सीट से बीजेपी की किरण माहेश्वर को 76,000 से ज्यादा वोटों से हराया था। उस समय सचिन की उम्र महज 32 वर्ष थी। साल 2014 में हालांकि बीजेपी के सांवरलाल जाट ने पायलट को अजमेर सीट से ही मात दे दी थी। जनवरी साल 2014 में उन्हें कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने राजस्थान कांग्रेस का अध्यक्ष नियुक्त कर दिया था। जनवरी 2014 में पायलट को जब यह पद सौंपा गया तो उसी समय से लोग मानने लगे थे कि यह पार्टी की वह रणनीति है जिसमें पायलट को राज्य के नेता के तौर पर आगे बढ़ाया जाएगा। इस समय से ही उन्हें राज्य का सीएम बनाने की ट्रेनिंग मिलनी शुरू हो गई थी।
व्हार्टन स्कूल ऑफ यूनिवर्सिटी से पढ़े पायलट
उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में कांग्रेस के कद्दावर नेता राजेश पायलट और रमा पायलट के घर पर 7 सितंबर 1977 को बेटे सचिन का जन्म हुआ था। नई दिल्ली के एयरफोर्स बाल भारती स्कूल से सचिन ने स्कूली शिक्षा हासिल की और फिर सेंट स्टीफेंस कॉलेज से ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी की। इसके बाद सचिन ने गाजियाबाद के आईएमटी कॉलेज से मार्केटिंग में डिप्लोमा लिया। यहां से वह अमेरिका के फिलाडेल्फिया में स्थित व्हार्टन स्कूल ऑफ द यूनिवर्सिटी ऑफ पेंसिलवेनिया चले गए। सचिन ने साल 2002 में अमेरिका के इस प्रतिष्ठित कॉलेज से एमबीए की डिग्री ली।
डोनाल्ड ट्रंप और वॉरेन बफे के कॉलेज में पढ़े सचिन
सचिन पायलट ने जिस अमेरिकी कॉलेज में पढ़े हैं वहां से अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, उनकी बेटी इवांका ट्रंप, टेस्ला के एलन मस्क, बर्कशायर हैथवे के सीईओ वॉरेन बफे, गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई समेत अनिल अंबानी और आदित्य मित्तल जैसी शख्सियतें डिग्री लेकर निकली हैं। व्हार्टन स्कूल ऑफ द यूनिवर्सिटी ऑफ पेंसिलवेनिया के इस समय 153 देशों में 95,000 पूर्व छात्र हैं। सिर्फ इतना ही नहीं यह अमेरिका का ऐसा कॉलेज है जिसके एमबीए प्रोग्राम को बेस्ट माना जाता है। यूएस न्यूज वेबसाइट की मानें तो व्हार्टन से ग्रेजुएट किसी भी स्टूडेंट को पहले वर्ष में औसतन 159, 815 अमेरिकी डॉलर की सैलरी वाली नौकरी आसानी से मिलती है।फॉर्च्यून की 500 सीईओ वाली लिस्ट में टॉप 100 कंपनियों के तीन सीईओ इसी कॉलेज के पढ़े होते हैं।
एक राजनेता और एक फौजी सचिन
राजनीति सचिन के खून में दौड़ती है। उनके पिता कांग्रेस की सरकार में केंद्रीय मंत्री रहे तो उनकी शादी जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री रहे फारूक अब्दुल्ला की बेटी सारा अब्दुल्ला से हुई है। सारा के भाई उमर अब्दुल्ला इस समय नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष हैं और वह भी जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। छह सितंबर 2012 को सचिन पहले ऐसे केंद्रीय मंत्री बने जिन्हें टेरिटोरियल आर्मी में एक ऑफिसर के तौर पर कमीशन मिली। उनके पिता राजेश पायलट, इंडियन एयरफोर्स में स्क्वाड्रन लीडर के पद से रिटायर थे। पिता राजेश एक दक्ष पायलट थे। पिता की ख्वाहिश थी कि बेटा भी एक आर्मी ऑफिसर बने लेकिन बेटे ने राजनीति को चुन लिया था। इसके बाद भी सचिन ने आर्मी में जाने का जज्बा नहीं छोड़ा और वर्तमान समय में टेरिटोरियल आर्मी में बतौर लेफ्टिनेंट पायलट अपनी सेवाएं दे रहे हैं। कमीशन मिलने के बाद सचिन ने कहा था, 'मैं बहुत पहले से आर्मी में जाना चाहता था और मेरे पिता और मेरे दादा जी सेना से जुड़े रहे थे। अब मैं भी इसका हिस्सा बनकर काफी सम्मानित महसूस कर रहा हूं।'