लोकसभा चुनाव 2019 : पुदुचेरी लोकसभा सीट के बारे में जानिए
नई दिल्ली: पुदुचेरी लोकसभा सीट से मौजूदा सांसद ऑल इंडिया एनआर कांग्रेस के आर राधाकृष्णन हैं। पहली बार इस सीट पर किसी क्षेत्रीय दल का कब्जा हुआ था। पुदुचेरी लोकसभा सीट पर 2014 में कुल 82 फीसदी वोटिंग हुई। विजेता उम्मीदवार ऑल इंडिया एनआर कांग्रेस के आर राधाकृष्णन को 2 लाख 55 हज़ार 826 वोट मिले, जबकि पराजित कांग्रेस उम्मीदवार को 1 लाख 94 हज़ार 972 वोट प्राप्त हुए। पुदुचेरी लोकसभा सीट पर द्रमुक और अन्नाद्रमुक उम्मीदवारों ने भी चुनाव लड़ा। द्रमुक उम्मीदवार को 1 लाख 32 हज़ार से ज्यादा वोट मिले, जबकि द्रमुक उम्मीदवार को 60 हज़ार से ज्यादा वोट मिले।
पुदुचेरी लोकसभा सीट का इतिहास
पुदुचेरी लोकसभा क्षेत्र का विस्तार पूरे पुदुचेरी संघ शासित प्रदेश तक है। 1962 में पांडिचेरी को संघ शासित प्रदेश का दर्जा दिया गया था। इसके लिए 14वां संविधान संशोधन हुआ। पांडिचेरी का पुदुचेरी के रूप में नामकरण 2006 में हुआ। पुदुचेरी लोकसभा सीट पर अब तक हुए 13 लोकसभा चुनावों में 9 बार कांग्रेस की जीत हुई है। आजादी से पहले पुदुचेरी से फ्रेंच नेशनल एसेम्बली के लिए प्रतिनिधि चुनकर जाया करते थे। पांडिचेरी और अब पुदुचेरी लोकसभा सीट से सबसे पहले 1967 में कांग्रेस के थिरुमुंडी एन सेतुरमन सांसद चुने गये। 1971 में नेशनल कांग्रेस (ओ) के टिकट पर उन्होंने चुनाव लड़ा और इंडियन नेशनल कांग्रेस के उम्मीदवार के हाथों उन्हें पराजित होना पड़ा। आपातकाल के बाद जब 1977 में चुनाव हुए तो अन्नाद्रमुक उम्मीदवार अरविन्द बाला पजनौर ने जीत दर्ज की।
पांडिचेरी या पुदुचेरी लोकसभा सीट पर कांग्रेस की वापसी 1980 में हुई। 1998 तक कांग्रेस का इस सीट पर कब्जा बरकरार रहा। 1998 के लोकसभा चुनाव में डीएमके की जीत हुई। 1999 में भी डीएमके ने ही जीत हासिल की। 2004 में पट्टालि मक्कल काची यानी पीएमके नेता एम रामदास यहां से सांसद चुने गये। मगर, अगले चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार वी नारायणसामी ने पुदुचेरी लोकसभा सीट से जीत दर्ज की। 2014 में एनडीए में शामिल ऑल इंडिया एनआर कांग्रेस के आर राधाकृष्णन ने जीत का परचम लहराया।
आर राधाकृष्णन का लोकसभा में प्रदर्शन
आर राधाकृष्णन ने पुदुचेरी सीट का प्रतिनिधित्व करते हुए संसद में अब तक 9 बार डिबेट में हिस्सा लिया है। सक्रियता के स्तर पर यह अच्छा आंकड़ा नहीं है। महज 11 सवाल उन्होंने लोकसभा में पूछे हैं जबकि राष्ट्रीय औसत 273 सवालों का है। 60 फीसदी उपस्थिति भी सामान्य उपस्थिति से कम है। सांसद निधि का पूरा इस्तेमाल पुदुचेरी में दिखता है। सांसद निधि में महज 31 हज़ार रुपये शेष हैं। यह दिसम्बर 2018 तक की स्थिति है। जाहिर है सांसद आर राधाकृष्णन ने सांसद निधि के इस्तेमाल में बेहतर काम दिखाया है।
पुदुचेरी लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में 2014 में 9 लाख से ज्यादा मतदाता थे। यहां महिला मतदाताओं की संख्या पुरुष से ज्यादा थी। महिला वोटरों कीसंख्या जहां 4 लाख 69 हज़ार से ज्यादा थी, वहीं पुरुष वोटरों की तादाद 4 लाख 32 हज़ार से ज्यादा रही। वोट देने के मामले में भी महिला वोटर आगे दिखीं। 2014 में जहां 3 लाख 88 हज़ार 657 महिला मतदाताओं ने वोट डाले, वहीं वोट डालने वाले पुरुष मतदाताओं की तादाद 3 लाख 51 हज़ार 360 रही। 2019 के लोकसभा चुनाव में यह बात देखने की होगी कि एनडीए की ओर से ऑल इंडिया एनआर कांग्रेस के पक्ष में अन्नाद्रमुक का समर्थन मिलता है या नहीं। इसी तरीके से अगर यूपीए की ओर से कांग्रेस उम्मीदवार को द्रमुक का समर्थन भी मायने रखता है। यानी एकजुट यूपीए और एकजुट एनडीए के बीच अगर मुकाबला हुआ, तो पुदुचेरी की सीट कांटे के संघर्ष का उदाहरण बन जाएगा।
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